गंगा स्नान के लिए ट्रेनों में पैर रखने की भी जगह नहीं
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए राजधानी पटना पहुंचे
संवाददाता, पटना कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए राजधानी पटना पहुंचे. इसमें कई लोग गुरुवार की दोपहर से ही अपने घर से ही निकल गये. इसका सबसे अधिक असर ट्रेनों में भी देखने को मिला. विशेष कर पटना- गया रूट पर गया से आने वाली ट्रेनों में सबसे अधिक भीड़ देखने को मिली. इसमें सबसे अधिक महिलाओं की भीड़ रही. यह सिलासिला देर रात तक चलता रहा. ट्रेनों की बोगी पूरी तरह खचाखच भरा था. बाथरूम तक में लोग घुसे थे. इसके कारण पटना जंक्शन पर मेला जैसा दृश्य देखने को मिला. बड़ी संख्या में महिलाएं देर रात ही गंगा घाट पर पहुंच चुकी थीं. जानकारी के अनुसार रांची से पटना आ रही जनशताब्दी एक्सप्रेस गया जंक्शन पर शाम 8.21 बजे पहुंची, तो कुछ यात्री दरवाजे से आये तो कुछ खिड़की से ही कुछ भीतर आने लगे. लोगों की भीड़ को देखते हुए यह ट्रेन 8.57 बजे खुली. सभी यात्री खड़े होकर पटना पहुंचे. इसके बाद वंदे भारत एक्सप्रेस गया जंक्शन पहुंची, तो कई यात्री इसमें भी चढ़े. इसके बाद ट्रेनों में अफरातफरी का माहौल बन गया. यात्री चाह कर बिना उचित टिकट के यात्रा कर रहे लोगों को विरोध नहीं कर सके. वहीं, ट्रेनों में जहानाबाद में भी यात्री चढ़े. इस दौरान भीड़ ऐसी थी कि एक ही परिवार के लोग एक कोच में नहीं चढ़ सके. यह स्थिति गया से आने वाली हर ट्रेन में देखने को मिली. रेल प्रशासन मूक दर्शक बना रहा. भीड़ का फायदा पॉकेटोंमारों ने उठाया. कई लोगों की मोबाइल गायब मिले.
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