संवाददाता, पटना
सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु के मामले में देश के टॉप तीन राज्यों में शामिल बिहार में दुर्घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर बिहार पुलिस व्यापक कार्ययोजना तैयार कर रही है. इसके तहत विशेषज्ञ एजेंसियों के साथ मिल कर इसके कारण व कारकों की पहचान करने एवं ट्रैफिक प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण कर इस पर प्रभावी रोक लगाने पर गंभीरता से काम किया जा रहा है. दुर्घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर किये जाने वाले उपाय चरणवार लागू होंगे.
जिलावार आंकड़ों का संग्रहण कर बनेंगी योजनाएं, ब्लैक स्पॉट की होगी पहचान
बिहार पुलिस के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़ों का संग्रहण जिला स्तर पर होगा और उसके मुताबिक ही योजनाएं तैयार की जायेंगी. पहले चरण में पुलिस दुर्घटना संभावित क्षेत्रों और ब्लैक स्पॉट की पहचान करते हुए व्यापक सड़क सुरक्षा रणनीति तैयार कर उसे लागू करेगी. रेगुलेशन और इन्फोर्समेंट के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रणाली का आधुनिकीकरण होगा. इसके तहत कई नये सड़क सुरक्षा उपकरणों की खरीद होगी. पुलिस सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्धारित प्रारूप में दुर्घटनाओं से संबंधित डेटा संग्रह कर उसका विश्लेषण करेगी ताकि दुर्घटनाओं के कारण व कारकों की पहचान सुनिश्चित हो सके. इसको लेकर दुर्घटनाओं की वैज्ञानिक जांच होगी. वाहन चालकों के साथ ही ट्रैफिक मैनेजमेंट में लगे पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर भी नियमित कार्य होगा.
बिहार ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली कुल दुर्घटनाओं का 2.3 फीसदी हिस्सा बिहार में होता है. वहीं, सड़क दुर्घटना से देश में होने वाली कुल मौत के मामले में बिहार की हिस्सेदारी पांच फीसदी है. 2022 में गंभीर दुर्घटनाओं के मामले में बिहार देश में दूसरे स्थान पर रहा. मसलन प्रति 100 दुर्घटना में गंभीर दुर्घटनाएं और प्रति 10 हजार वाहनों की दुर्घटना में मृत्यु के मामले में बिहार से ऊपर मात्र एक राज्य रहा.
हर साल इस तरह बढ़ रहीं सड़क दुर्घटनाएंवर्षदुर्घटनामृत्यु
201788555554
201896006729
2019100077205
वर्षदुर्घटनामृत्यु
202086396699
202195537660
2022108018898
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