पटना : राज्य सरकार शिक्षकों के वेतनमान में सम्मानजनक बढ़ोतरी करेगी. विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक-दो माह के भीतर नियोजित शिक्षकों के वेतन में सम्मानजनक वृद्धि की जायेगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया है, उसमें भी वेतन वृद्धि की बात कही गयी है. डिप्टी सीएम ने कहा कि शिक्षक अगर हड़ताल नहीं करते, तो भी उनके वेतन में वृद्धि की जाती. सरकार एक -दो माह में वेतन वृद्धि करने जा रही है. इस आधार पर उन्होंने शिक्षकों को हड़ताल से लौट आने की अपील की.
उन्होंने परीक्षा के समय शिक्षकों की हड़ताल पर उदाहरण देकर समझाया कि अगर कोई डॉक्टर मरीज का ऑपरेशन के लिए पेट खोल दे और कहे की अब हड़ताल पर जा रहे हैं, तो ऐसा गलत है. वित्तरहित शिक्षकों को अनुदान देने, मदरसा व संस्कृत शिक्षकों के अद्यतन वेतन अभी तक भुगतान नहीं होने के जवाब में उन्होंने बताया कि सरकार ने बगैर हड़ताल किये शिक्षकों, कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ दिया था. उनको भी वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा. डिप्टी सीएम ने केरल व अन्य विकसित राज्यों से बिहार विकास की तुलना की और कृषि उत्पादन के प्रगति को बताया.
इसी क्रम में विधान परिषद से आठ हजार आठ सौ 68 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पास हो गया. पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बहस के बाद बहुमत के साथ अनुपूरक बजट को पास कर दिया गया. सरकार के जवाब पर विपक्ष ने बायकाॅट किया. इस दौरान अपने भाषण में डिप्टी सीएम ने कहा कि कहा कि श्रीबाबू के कार्यकाल के बाद 1990 तक राज्य में अस्थिर सरकार रही है. वहीं, नियोजित शिक्षकों के मसले को लेकर विधानसभा के बाहर राजद व अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया.