-एनआइटी निदेशक ने सुनी विद्यार्थियों की बातें, दिया समस्याओं के निराकरण का भरोसा
-इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की छात्रा के आत्महत्या के बाद सहमे थे विद्यार्थीसंवाददाता, पटना
एनआइटी पटना के बिहटा कैंपस में छात्रा की आत्महत्या के बाद पटना व बिहटा कैंपस में स्टूडेंट्स का प्रदर्शन जारी है. आक्रोशित स्टूडेंट्स को लगातार एनआइटी प्रशासन व पुलिस प्रशासन समझाने का प्रयास कर रही है, लेकिन स्टूडेंट्स अपनी मांगों को लेकर लगातार अड़े हुए हैं. इस दौरान सोमवार व मंगलवार को एनआइटी के निदेशक प्रो पीके जैन ने एनआइटी पटना व बिहटा कैंपस में स्टूडेंट्स की समस्याओं को सुना और उसके निराकरण का भरोसा दिया है. इससे पूर्व रविवार व सोमवार रात को भी पटना परिसर में सभी की बातें पुलिस व जिला प्रशासन ने सुनी थी. दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की छात्रा पल्लवी रेड्डी की आत्महत्या के बाद छात्र-छात्राओं में भय का माहौल था. खासकर विद्यार्थियों को उसकी आत्महत्या की सही वजह की जानकारी नहीं हो पा रही थी, लेकिन छात्रा ने आत्महत्या से पूर्व एक सुसाइड नोट छोड़ा था. वह पुलिस के पास सुरक्षित है. संस्थान के सभी विद्यार्थियों को सुसाइड नोट्स में दिये गये बिंदुओं को बताया गया. इसमें छात्रा ने अपनी वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. निदेशक ने कहा कि घटना के दिन आधिकारिक कार्यों से वे बाहर थे, लेकिन संस्थान के शिक्षकों से पल-पल की घटना की जानकारी प्राप्त कर दिशा-निर्देश दे रहे थे. पटना पहुंचते ही छात्रों से मिला व उनकी समस्याओं को जाना. प्रो जैन ने कहा कि स्टूडेंट्स ने कई मांगों को रखा है. उनकी ओर से बताये गये बिंदुओं पर सकारात्मक कदम उठाया जायेगा. कैंपस में मेडिकल सुविधा व एंबुलेंस सुविधा मुहैया करायी जायेगी.जांच के लिए बनेगी कमेटी
निदेशक ने कहा कि स्टूडेंट्स ने घटना के दिन कई बातों को लेकर एनआइटी प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाये हैं. इसके लिए एक स्वतंत्र जांच कमेटी बनायी जायेगी. कमेटी में स्टूडेंट्स को भी शामिल किया जायेगा, ताकि सही-सही बातें सामने आयें. साथ ही जो समस्याएं हुई हैं, उसका निराकरण भी हो और इस तरह की घटना अब कैंपस में न घटे.कैंपस में स्टूडेंट्स के लिए अलग मार्ग निर्देशित, बाहरी किसी भी मजदूर की इस रूट पर इंट्री बंद:
निदेशक ने कहा कि बिहटा परिसर में सभी संसाधन उपलब्ध कराने के बाद ही संस्थान के दो विभागों के छात्रों को शिफ्ट किया गया है. प्रशासनिक भवन, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर इंजीनियरिंग का एकेडमिक भवन व दो छात्रावास (एक लड़के व एक लड़कियां) तैयार हो चुके हैं. अब कैंपस में स्टूडेंट्स के लिए अलग मार्ग निर्देशित है, जिस पर बाहरी किसी भी मजदूर या निर्माण कार्य से जुड़े लोगों की इंट्री बंद कर दी गयी है. संस्थान के दूसरे हिस्से में निर्माण कार्य चल रहा है. चूंकि संस्थान का यह बिहटा परिसर मुख्य पटना शहर से काफी दूर है और वर्तमान परिसर गांधी घाट, अशोक राजपथ पर जो कि पटना शहर के मध्य में है. ऐसे में बच्चों में दूसरे जगह भेजने से नाराजगी थी. लेकिन, उसके साथ-साथ महिला वार्डन व शिक्षकों के साथ-साथ चिकित्सक भी परिसर में ही रहते हैं. उनके लिए चिकित्सा टीम के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति पूर्व से ही की गयी है और वहां बस व एंबुलेंस भी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है