Lok Sabha Election 2024: बिहार में पहले चरण की सीटों पर होगा दिलचस्प मुकाबला
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी है. बिहार में यह चुनाव सात चरणों में होगा. पहले चरण में बिहार की चार सीटों पर मतदान होगा. दक्षिण बिहार की इन चार सीटों पर दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद की जा रही है.
पटना. बिहार मे पहले चरण की चार सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. चुनाव आयोग ने बिहार में पहले चरण में गया सुरक्षत, जमुई (सुरक्षत), नवादा और औरंगाबाद में 19 अप्रैल को चुनाव कराने का फैसला लिया है. ये वे सीटे है, जहां पिछली दफा 2019 में दूसरे नंबर पर राजद और उसकी सहयोगी पार्टियां रही थी. कांटे की टक्कर मे एनडीए को कम मतो से जीत मिल पायी थी. इस बार दोनों ही गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार है. गया मे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महागठबंधन से हम के उम्मीदवार थे. उन्हें जदयू के विजय कुमार ने पराजित किया था. इस बार भी हम पार्टी यह सीट एनडीए में मांग रही है. वहीं औरंगाबाद की सीट पर जीत तो भाजपा के सुशील कुमार सिंह को मिली पर कांटे की टक्कर में हार-जीत का अंतर महज 71,325 मतों का ही रहा. दूसरे नंबर पर रहे हम के उपेंद्र प्रसाद को 3,58,611 वोट मिले थे.
अंतिम दो चरणों की सीटें होगी निर्णायक
इसी प्रकार इस बार के अंतिम दो चरणों की सीटें एनडीए और महागठबंधन के लिए निर्णायक साबित होगी. अंतिम दोनों चरणों में लोकसभा की सोलह सीटों पर वोट डाले जायेंगे. यह सभी सीटें फिलहाल एनडीए की झोली में है. इनमे भाजपा और जदयू की बराबर की हिस्सेदारी है. आठ सीटों पर भाजपा का कब्जा है. वही बाकी की आठ सीटो पर जदयू के सांसद है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को पराजय का सामना
करना पड़ा था, लेकिन उन्हें मिले मत निराश करने वाले नहीं थे.
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ओवैसी के कारण सीमांचल में मुकाबला होगा तगड़ा
चंपारण की तीनों सीटो पर एनडीए का कब्जा है. इनमें वाल्मीकीनगर पर जदयू और पूर्वी तथा पश्चमी चंपारण की सीट पर भाजपा काबिज है. पिछले चुनावों में एनडीए को इन सीटों पर जीत के लिए अधिक मशक्कत करनी पड़ी थी. सीमांचल में इस बार ओवैसी की एआइएमआइएम ने चुनाव लड़ने का एलान किया है. किशनगंज एक मात्र ऐसी सीट है, जहां पिछली दफा कांग्रेस और विपक्ष को जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस और महागठबंधन इस बार भी अपनी सीट बचाने की पूरी कोशिश करेगा. पिछली दफा यह सीट एनडीए में जदयू को दी गयी थी. इस बार जदयू को कोशिश हार का बदला लिये जाने की होगी.