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थाने में वर्क स्टेशन, पूछताछ, अनुसंधान व रेकॉर्ड के लिए होगी अलग-अलग व्यवस्था

तीन नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद बिहार पुलिस डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ ही पुलिस थानों को नया लुक देने की तैयारी में जुटी है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2024 1:12 AM

संवाददाता, पटना तीन नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद बिहार पुलिस डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ ही पुलिस थानों को नया लुक देने की तैयारी में जुटी है. इसके तहत हर थाने में वर्क स्टेशन को अलग रखा जायेगा, जहां सामान्य लोगों का प्रवेश होगा. रेकॉर्ड रखने, अनुसंधान डायरी लिखने, अभियुक्तों व गवाहों से पूछताछ करने और डेटा सुरक्षित रखने को लेकर थानों में ही अलग जगह होगी. सीसीटीएनएस परियोजना के तहत बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है. नये कानूनों में डिजिटल केस डायरी, बयान व ट्रायल आदि का प्रावधान किया गया है. इसे देखते हुए हर थाने में अलग से पूछताछ केंद्र बन रहा है. यह ऑडियो-वीडियो कम्यूनिकेशन सिस्टम के साथ ही गवाही रिकॉर्डिंग की सुविधाओं से लैस होगा. अपराध के आंकड़ों से लेकर एफआइआर आदि ऑनलाइन किये जाने को लेकर थाना स्तर तक डेटा संग्रहण शुरू हो गया है. यह डेटा न सिर्फ 1100 से अधिक थानों, बल्कि जिला और पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी मेंटेन किया जा रहा है. इसके लिए हर थाने में एक डेटा सेंटर बना कर एक दारोगा और तीन पुलिसकर्मियों को अलग से जिम्मेदारी दी गयी है. डेटा सेंटर को लेकर थानों में अलग से डेडिकेटेड कक्ष होगा.

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