इन पुत्रन के शीश पर वार दिये सूत चार, चार मरे तो…

patna news: पटना सिटी. इन पुत्रन के शीश पर वार दिये सूत चार, चार मरे तो क्या हुआ जीवित कई हजार, ..शहादत के जाम, दादी-पोतों के नाम जैसे शबद कीर्तन से संगत उस समय निहाल हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2024 12:50 AM

पटना सिटी. इन पुत्रन के शीश पर वार दिये सूत चार, चार मरे तो क्या हुआ जीवित कई हजार, ..शहादत के जाम, दादी-पोतों के नाम जैसे शबद कीर्तन से संगत उस समय निहाल हो गयी, जब बाला प्रीतम के दरबार बाललीला गुरुद्वारा में रविवार को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के छोटे साहिबजादों व परिवार की शहादत दिवस पर कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया है. जिसमें तख्त साहिब से आये रागी जत्था भाई ज्ञान सिंह व अमृतसर दरबार साहिब के रागी भाई गुरमैल सिंह ने वैराग्यमय शबद कीर्तन कर संगत को निहाल कर दिया.

तब फतेहगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह और तख्त साहिब के कथा वाचक ज्ञानी सुखदेव सिंह ने शहादत पर कथा की.

गुरुद्वारा प्रमुख जत्थेदार संत बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले के निर्देश पर आयोजित कीर्तन दरबार में बाबा सुखविंदर सिंह व बाबा गुरविंदर सिंह की देखरेख में संचालित हुई.

कीर्तन दरबार से पहले दो दिनों से चल रहे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ की समाप्ति के बाद बच्चों के बीच गुरुवाणी कीर्तन मुकाबला किया गया.

प्रभात फेरी, गुरुद्वारा सोनार टोली में टेका मत्था, आज जायेगी खगौल

पटना सिटी. वाहो-वाहों गोविंद सिंह की जाप और शबद कीर्तन की धुन से गुंजायमान हो रहे अशोक राजपथ पर रविवार को भी पंज प्यारों की अगुआई में प्रभातफेरी निकली.

खालसा पंथ के संस्थापक गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज की 358वें प्रकाश उत्सव पर तख्त साहिब से निकली प्रभातफेरी आरंभ होने से पहले जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह व अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी दिलीप सिंह ने अरदास किया. इसके बाद तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब से तड़के शबद कीर्तन करते हुए निकले सिख संगत का जत्था अशोक राजपथ के मुख्य मार्ग से होते हुए गुरुद्वारा सोनार टोली पहुंची.

जहां पर दर्शन करने और मत्था टेकने के बाद वापस तख्त साहिब लौटी.

सोमवार को तख्त साहिब से निकलने वाली प्रभात फेरी गुरुद्वारा खगौल दर्शन करते हुए गुरुद्वारा सिंह सभा गोविंद नगर चितकोहरा दर्शन वापस लौटेगी. मंगलवार को प्रभातफेरी चमडोरिया, हाजीगंज, अरोड़ा हाउस, छोटी पटनदेवी गली, काली स्थान, बाड़े की गली होते हुए वापस लौटेगी.

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