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पहली बार तीन तिमाही की एसएलबीसी की बैठक एक साथ

तकरीबन हर तिमाही होने वाली राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक, चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक नहीं हुई है, जबकि इस वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में महज डेढ़ महीने ही शेष हैं.

17 फरवरी हो सकती है एसएलबीसी के 90वीं,91वीं और 92 वीं बैठक संवाददाता,पटना तकरीबन हर तिमाही होने वाली राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक, चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक नहीं हुई है, जबकि इस वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में महज डेढ़ महीने ही शेष हैं.लेकिन वित्त विभाग ने पहली बार एसएलबीसी के कंवेंनर बैंक एसबीआइ को तीन तिमाही की बैठक एक साथ 17 फरवरी को करने का निर्देश दिया है.भारतीय रिजर्व बैंक की अग्रणी बैंक योजना के अनुसार एसएलबीसी राज्य में बैंकरों की सर्वोच्च संस्था है.समिति की बैठक तिमाही में एक बार करने की परंपरा रही है.संस्थागत ऋण देने की गतिविधियों की समीक्षा के अलावा, तिमाही बैठकों में राज्य के आर्थिक विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाती है, जिसमें बैंकों की अहम भूमिका होती है. क्या है एसएलबीसी का उद्देश्य एसएलबीसी बैठकों का उद्देश्य राज्य के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान खोजना होता है. यह मंच विभिन्न सरकारी विभागों,भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड और अन्य विकास एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में विकास की प्रक्रिया को आरंभ करने, उसे सुव्यवस्थित करने और गति देने में अग्रणी भूमिका निभाता है.तिमाही बैठकों में एसएलबीसी के सदस्य संस्थानों के शीर्ष-स्तरीय पदाधिकारी शामिल होते हैं, जिससे उन्हें विभिन्न मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से विभिन्न मामलों पर सार्थक और उद्देश्यपूर्ण चर्चा करने में मदद मिलती है. जून 2024 में वर्ष 2023-24 के अंतिम तिमाही को लेकर हुई थी चर्चा वर्ष 2023-24 के अंतिम तिमाही की बैठक जून 2024 में हुई थी.जिसमें 88 वें और 89 वें एसएलबीसी की संयुक्त रुप से बैठक हुई थी.इसमें वर्ष 2023-24 के दिसंबर और मार्च 2024 तिमाही के लक्ष्य और लक्ष्य प्राप्ति पर चर्चा की गयी थी, जिसकी अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने की थी.अर्थशास्त्री अमित बक्शी का कहना है कि समीक्षा किसी भी स्कीम को लक्ष्य तक पहुंचाने का एक जरूरी अव्यव होता है. एसएलबीसी की बैठक में मोराज्य सरकार बैंकों द्वारा दिये जा रहे ऋण की मॉनीटरिंग करती है.बैठक नहीं होने से यह पता करना मुश्किल हो जाता है कि बैंक लक्ष्य के अनुरूप कार्य कर रहा है कि नहीं. तीन बार हो चुकी है दो एसएलबीसी की बैठक एक साथ आमतौर पर एसएलबीसी की बैठक हर तिमाही में होती रही है, लेकिन 88वीं और 89वीं, 85वीं और 86वीं के साथ-साथ 83वीं और 84वीं एसएलबीसी की बैठक दो-दो तिमाही को लेकर एक साथ हुई थी.

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