लॉकडाउन : खाने के पड़े लाले, तो साइकिल चलाकर राजस्थान से पटना पहुंचे युवक
राजस्थान के भिंवाडी में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या और कोई इंतजाम नहीं होने के कारण बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के तीन युवक साइकिल से ही सड़क मार्ग से पटना पहुंच गये
पटना : राजस्थान के भिंवाडी में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या और कोई इंतजाम नहीं होने के कारण बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के तीन युवक साइकिल से ही सड़क मार्ग से पटना पहुंच गये. ये तीनों युवक रंजीत कुमार, धर्मेंद्र कुमार व इंद्रजीत कुमार भिंवाडी में एक प्लास्टिक उद्योग में काम करते थे और लॉकडाउन के बाद खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी थी. इसके बाद तीनों ने साइकिल से अपने घर जाने की ठान ली, लेकिन उनके पास साइकिल नहीं थी. इन लोगों ने अपनी चांदी की अंगूठी बेची और कुछ रुपयों का जुगाड़ किया. एक नयी साइकिल 3600 रुपये की खरीद ली और दो अन्य ने पुरानी साइकिल खरीद ली. इसके बाद साइकिल से ही दस मई को भिंवाडी से पटना के लिए निकले.
जहां सोमवार को वे तीनों पटना के जीरोमाइल पर पहुंचे. साइकिल से देख कर पटना जिला प्रशासन ने उनसे पूरी जानकारी ली, तो उन्होंने अपनी आपबीती बतायी और कहा कि किसी तरह से वे लोग पटना पहुंच गये. भिंवाडी में खाने तक का इंतजाम सही नहीं था. साइकिल से आने के क्रम में कई जगहों पर आम लोगों द्वारा खाने का पैकेट दिया गया और उसे खाते हुए पटना पहुंच गये. युवकों ने बताया कि रात होने पर सड़क किनारे ही सो जाते थे और सुबह होते ही फिर से साइकिल चला कर लगातार आगे बढ़ते जाते.
जहानाबाद से चार बच्चों के साथ पैदल ही पहुंच गये जीरो माइल
फुलवारी इलाके के एक गांव के रहने वाले दिलीप राम अपनी पत्नी व चार बच्चों के साथ जहानाबाद से पैदल चलते हुए जीरो माइल पर पहुंचे थे. उनका एक बच्चा छह माह का था. दिलीप ने बताया कि उसका बेटा जहानाबाद स्थित ससुराल में हुआ था. वहां वह कई दिनों तक रहा, लेकिन वहां भी सभी गरीब हैं, जिसके कारण खाने-पीने की दिक्कत हो रही थी. जब स्थिति और खराब होने लगी, तो वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पैदल ही पटना पहुंच गया