पटना : राजधानी पटना और आसपास के नगरीय क्षेत्रों को जलजमाव से मुक्त रखने की तैयारी की जा रही है. सचिवालय सभागार में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार ने 167.79 करोड़ की लागत से पंपिंग स्टेशनों के क्षमतावर्घन के लिए 265 वर्टिकल, सबमर्सिबल, सीएफ पंप, डीजल जेनरेटर सेट, ट्रॉली माउंटेड पंप, डीजल पंप आदि की खरीद का आदेश दिया है. इनकी आपूर्ति और स्थापित करने का काम 31 जुलाई के पहले सुनिश्चित करें. पहली बार तीन साल के लिए 39 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों के रखरखाव, संचालन और मरम्मत की जिम्मेवारी विभिन्न एजेंसियों को दी गयी हैं.
उन्होंने जलजमाव से निबटने के लिए 10 करोड़ की लागत से किये जा रहे 27 अस्थायी नये पंपिंग स्टेशनों के निर्माण का काम 15 जून तक पूरा करने, सभी शेष बचे बड़े और खुले नालों, मेनहॉल, कैचपीट आदि की उड़ाही 31 मई तक और पंपिंग स्टेशनों का संरचनात्मक निर्माण और ऊंचीकरण का काम 30 जून के पूर्व पूरा करने का निर्देश दिया.
अधिकारियों ने बताया कि निगम क्षेत्र के करीब आठ लाख फीट खुले नाले, 24,349 मेनहॉल तथा 18,444 कैचपीट की उड़ाही की जा चुकी हैं. सभी 39 डीपीएस के सिविल स्ट्रक्चर की मरम्मत और पंप हाउस में पानी लगने से रोकने के लिए रैंप आदि का निर्माण कार्य लॉकडाउन के बावजूद 35 से 76 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है. शेष कार्य अगले महीने के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा.
बैठक में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, नगर विकस मंत्री सुरेश शर्मा, उद्योग मंत्री श्याम रजक के साथ स्थानीय विधायक अरुण कुमार सिन्हा, नीतीन नवीन, संजीव चैरसिया, आशा सिन्हा, पटना की मेयर सीता साहू और नगर विकास सचिव आनंद किशोर, पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा, बुडको के एमडी रमण कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.