संवाददाता, पटना राज्य में सड़कों के चौड़ीकरण में पेड़ों की कटाई कम से कम हो और पर्यावरण को लाभ हो, इसे लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने एक कार्ययोजना तैयार की है. साथ ही इससे संबंधित प्रस्ताव एनएचएआइ सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभागों को भेजा है. इसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने कहा है कि सड़कों के दोनों तरफ में से यह चयन करना चाहिए कि किस तरफ कम पेड़ हैं. जिस तरफ पेड़ों की संख्या कम हो, उसी तरफ सड़कों का चौड़ीकरण करना चाहिए. इससे पेड़ों को कम से कम काटना पड़ेगा, साथ ही आवागमन की बेहतर व्यवस्था भी हो जायेगी. दोनों तरफ सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने से अधिक संख्या में पेड़ों को काटने की आशंका बनी रहती है. सूत्रों के अनुसार 11 जुलाई 2019 को विधान परिषद में भाजपा सदस्य नवल किशोर यादव के एक अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में तात्कालीन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि पटना में विकास कार्यों के लिए गिराये गये पेड़ों से अधिक वृक्षारोपण हुआ है. प्रत्येक गिराये जा रहे वृक्ष के लिए तीन पौधे क्षतिपूरक वृक्षारोपण नीति के तहत पटना जिले में लगाये गये हैं. पटना में 2016-17 में 1096 पेड़ गिराये गये वहीं करीब 6050 पेड़ लगाये गये. 2017-18 में 1222 पेड़ गिराये गये और 1610 पेड़ लगाये गये. 2018-19 में 925 पेड़ गिराये गये और 18165 पौधे लगाए गए. हालांकि पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि लगाये गये पौधों में से 70% ही जीवित बचे. हालांकि काटे गये पेड़ कई साल पुराने थे, उनसे पर्यावरण को जितना फायदा मिल रहा था, उतना फायदा नये पेड़ों से मिलने में अभी कई साल लगेंगे. पर्यावरण को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. सड़कों की चौड़ाई फिलहाल दोनों तरफ से बढ़ाई जाती है. इसमें बड़ी संख्या में पेड़ कट जाते हैं. ये पेड़ बहुत पुराने और पर्यावरण के लिए उपयोगी होते हैं. ऐसे में केवल एक तरफ से ही सड़कों का चौड़ीकरण करने से कम संख्या में पेड़ काटने पड़ेंगे. -डॉ प्रेम कुमार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री
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