दहशत फैलाने के लिए बदमाशों ने दिनदहाड़े मसौढ़ी में की फायरिंग

दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने गुरुवार को दिनदहाड़े दहशत फैलाने की नीयत से संघतपर मुसहरी में फायरिंग की और पिस्तौल लहराते हुए भाग निकले.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2025 11:51 PM
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प्रतिनिधि, मसौढ़ी थाना पुलिस की उदासीनता के कारण दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने गुरुवार को दिनदहाड़े दहशत फैलाने की नीयत से संघतपर मुसहरी में फायरिंग की और पिस्तौल लहराते हुए भाग निकले. इससे मोहल्ले में भय का माहौल कायम हो गया है. इधर सूचना पाकर 112 की पुलिस टीम और थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच की. घटना का कारण बीते बुधवार को गंगाचक मलिकाना स्थित एक कोचिंग के पास गंगाचक मलिकाना और संघतपर मुसहरी के कुछ लोगों के बीच हुई मारपीट, रोड़ेबाजी और फायरिंग की घटना को लेकर प्रतिशोधात्मक कार्रवाई बतायी जाती है. जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की दोपहर दो बाइक पर चार युवक संघतपर मुसहरी पहुंचे और फायरिंग की. उसके बाद उन्होंने वहां स्थित करकटनुमा एक मकान की करकट को पीटा और फिर पिस्तौल लहराते हुए कुकुहिया टोला की ओर भाग निकले. बुधवार को घटित घटना के दौरान बाइक सवार चार बदमाशों की पिटाई करने के बाद एक पक्ष ने उनकी दोनों बाइक क्षतिग्रस्त कर दी थी. इस घटना के प्रतिशोध में ही एक पक्ष ने दहशत फैलाने के लिए संघतपर मुसहरी में फायरिंग की व पिस्तौल लहराया. इधर दूसरे दिन भी हुई फायरिंग से मोहल्ले वाले किसी अनहोनी को लेकर दहशत में थे. इस बीच घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी का अवलोकन कर बदमाशों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है. पुलिस ने अपने बयान पर दर्ज की प्राथमिकी गंगाचक मलिकाना स्थित एक कोचिंग के पास हुई मारपीट मामले में पुलिस अवर निरीक्षक देवेंद्र कुमार झा के बयान में प्राथमिकी की गयी है. इस मामले में सन्नी कुमार, बबलू कुमार, रौनी कुमार, बिक्की कुमार समेत 40-50 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इनमें से सन्नी कुमार को पुलिस बीते बुधवार को ही घटनास्थल के पास से हिरासत में ले लिया था. जबकि अन्य फरार हैं. मामला दर्ज नहीं करने का लगाया आरोप वार्ड पार्षद प्रतिनिधि सह संघतपर निवासी मुन्ना मांझी ने आरोप लगाया है कि बुधवार की घटना के बाद जब वह प्राथमिकी दर्ज कराने थाना गये तो पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया. उनका आरोप है कि वह आरोपितों को नहीं पहचानते थे. इस कारण जब वह लिखित आवेदन में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया तो पुलिस ने उनसे आरोपितों का नाम देने को कहा अन्यथा आवेदन लेने से मना कर दिया.

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