Chipkali: छिपकली हमारे घर की एक अचनाही मेहमान है, भले ही दीवारों में मौजूद कीड़े मकोड़ों को खाकर हमारी मदद करती है, फिर भी हम इसे देखना पसंद नहीं करते है. क्योंकि ये घिन और खौफ पैदा करती है. लेकिन आपको बता दें कि छिपकली (Chipkali) की एक ऐसी प्रजाती है, जिसकी कीमत अंरराष्ट्रीय बाजार में लगभग एक करोड़ रुपये है. इस बेशकीमती छिपकली का नाम ‘टोके गेको’ है.
अंरराष्ट्रीय बाजार में इस छिपकली (Chipkali) की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक आंकी गयी है. बताया जाता है कि इस छिपकली का इस्तेमाल कई प्रकार की महंगी दवाओं को बनाने में किया जाता है. कुछ दिन पहले भारत नेपाल सीमा के समीप एसएसबी जवानों ने दो तस्करों के साथ इस छिपकली (Chipkali) को बरामद किया था.
‘गीको’ एक दुर्लभ छिपकली (Chipkali) है, जो ‘टॉक-के’ जैसी आवाज़ निकालने के कारण ‘टॉके’ भी कही जाती है. इस छिपकली का उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवा बनाने में किया जाता है. इसके मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं. खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इस छिपकली की बहुत ज्यादा मांग है.
साउथ-ईस्ट एशिया में टोके गेको को अच्छी किस्मत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस छिपकली की मांग दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में अधिक है. ऐसा माना जाता है कि ये किडनी और फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं. चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इस छिपकली का उपयोग किया जाता है.
बाजार में ऐसी एक छिपकली की कीमत कम-से-कम 50 लाख रुपए है. यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस छिपकली की कीमत डेढ़ करोड़ बताई जा रही है.