बिहार में 20 किमी टोल फ्री सफर का दावा फेल, अर्धनिर्मित फोरलेन पर 60 की जगह 48 किमी पर हो रही वसूली
Toll Free Travel : विभागीय प्रावधान के मुताबिक 60 किलोमीटर से कम दूरी पर संचालित टोल प्लाजा को अवैध माना जाता है. भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सदन में भी इस बात को स्पष्ट करते हुए कह चुके हैं कि 60 किलोमीटर के अंदर अगर बताया गया है कि शुल्क नियम 2008 के मुताबिक दो समीपवर्ती टोल प्लाजा के बीच की दूरी कम से कम 60 किलोमीटर होनी चाहिए.
Toll Free Travel : पटना. राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थानीय लोगों के लिए 20 किलोमीटर टोल टैक्स रहित यात्रा की सरकार ने व्यवस्था कर रखी है, लेकिन सड़क मंत्रालय का यह दावा बिहार में पूरी तरह फेल है. बिहार के बेगूसराय जिले से गुजरनेवाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थानीय लोगों को बीस किलोमीटर यात्रा की छूट तो दूर की बात 48 किमी के अंदर ही दो-दो बार टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा है, वो भी तब जब फोरलेन सड़क अब तक पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है. एनएचएआई के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो टोल प्लाजा की दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए, लेकिन यहां इसकी अनदेखी की गयी है.
गडकरी दे चुके हैं संसद में सफाई
विभागीय प्रावधान के मुताबिक 60 किलोमीटर से कम दूरी पर संचालित टोल प्लाजा को अवैध माना जाता है. भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सदन में भी इस बात को स्पष्ट करते हुए कह चुके हैं कि 60 किलोमीटर के अंदर अगर बताया गया है कि शुल्क नियम 2008 के मुताबिक दो समीपवर्ती टोल प्लाजा के बीच की दूरी कम से कम 60 किलोमीटर होनी चाहिए. अगर कहीं भी इस मानक से कम दूरी पर टोल टैक्स की वसूली हो रही है तो यह अवैध है. ऐसे टोल प्लाजा को अविलंब बंद किया जाना चाहिए. बिहार में मंत्रालय अपने ही नियम पर आंख मूंद बैठा है. स्थानीय लोगों के लाख विरोध के बावजूद कई महीनों से टोल टैक्स की वसूली हो रही है. मंत्रालय की ओर से नियमों की सरासर अनदेखी की जा रही है. सरकारी स्तर से इस मामले में अब तक कारगर पहल नहीं हो पायी है.
काम पूरा किए बगैर ही टैक्स की वसूली
सिमरिया-खगड़िया फोरलेन प्रोजेक्ट का काम पूरा किए बगैर ही शाहपुर में टोल प्लाजा बनाकर टोल टैक्स की वसूली शुरू कर दी गई है. इस मामले में दो टोल प्लाजा की दूरी के लिहाज से तो प्रावधान की अनदेखी की ही जा रही है, फोरलेन प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अधर में रहने से वाहन संचालकों को अपेक्षित सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. शहर में कपस्या से लोहियानगर गुमटी ढाला के बीच निर्माणाधीन फ्लाईओवर की घेराबंदी के चलते करीब तीन किलोमीटर की दूरी तक वाहनों को रेंगते हुए गुजरते देखा जा सकता है, जबकि, वाहन मालिकों व चालकों का कहना है कि फोरलेन पर 60 से 100 किलोमीटर की निर्बाध रफ्तार से वाहन परिचालन की सुविधा मिलनी ही चाहिए.
मुजफ्फरपुर-बरौनी जीरोमाइल खंड पर काम शुरू होने का इंतजार
सबसे चौकानेवाली बात यह है कि बछवाड़ा के मुरलीटोल टोल प्लाजा पर कई वर्षों से टोल टैक्स की वसूली किए जाने के बावजूद एनएच-28 के मुजफ्फरपुर-बरौनी जीरोमाइल खंड पर अब तक फोरलेन बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है. इसके लिए वर्षों पहले से कई बार घोषणा की जा चुकी है कि मुजफ्फरपुर से बरौनी जीरोमाइल तक एनएच-28 को फोरलेन बनाया जाएगा. फोरलेन नहीं बनने का खामियाजा बेगूसराय समेत आसपास के जिलों के लोगों को वाहनों में आमने-सामने होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं के रूप में भुगतना पड़ रहा है.