पटना जू में अब सरपट दौड़ेगी टॉय ट्रेन, बच्चे फिर से ट्रेन से ले सकेंगे चिड़ियाघर का आनंद
पटना जू में जब टॉय ट्रेन ट्रैक पर चलती थी उस वक्त इसे चलाने को लेकर समय निर्धारित था. बच्चे टिकट कटा कर अपनी सीट पर बैठ जाते हैं और सिगनल होने पर ट्रेन शुरु हो जाती थी. एक घंटे के अंदर बच्चे पूरे जू की सेर कर पक्षी से लेकर जानवरों को देख सकते थे.
पटना जू में एक बार फिर से बच्चों के लिए टॉय ट्रेन चलायी जायेगी. आठ साल बाद इसकी फिर से शुरूआत हो रही. जू प्रशासन ने बताया कि टॉय ट्रेन शुरुआत में सब कुछ ठीक रहा लेकिन धीरे-धीरे इसके परिचालन में परेशानी आने लगी. ऐसे में बच्चों के साथ कोई हादसा ना हो जाये इसे देखते हुए ट्रेन को बंद कर दिया गया था.
नयी पटरी लगाने का निर्णय लिया गया
हालांकि टॉय ट्रेन जू का मुख्य आकर्षण केंद्र होने की वजह से पिछले साल जू प्रशासन और दानापुर रेल प्रमंडल के बीच इसे फिर से शुरू करने को लेकर कई मीटिंग की गयी. इस दौरान पटरी से लेकर ट्रेन की मरम्मत की बात चली लेकिन परिस्थितियों के ध्यान में रख कर नये सिरे से ट्रेन के इंजन, डब्बे और पटरी सारे नये लगाने का निर्णय लिया गया.
आठ करोड़ रुपये का प्रपोजल तैयार किया गया
पटरी बिछाने को लेकर दानापुर रेल प्रमंडल की ओर से आठ करोड़ रुपये का प्रपोजल तैयार किया गया है जिसे बिहार सरकार को सौंपा गया है. सरकार और सेंट्रल जू अथोरिटी के सहमति मिलते ही इस पर कार्य शुरू हो जायेगा और अगले 6 महीने में बच्चे टॉय ट्रेन की सेर कर सकेंगे.
पूरे जू की सैर कराता था टॉय ट्रेन
जब टॉय ट्रेन ट्रेक पर चलती थी उस वक्त इसे चलाने को लेकर समय निर्धारित था. बच्चे टिकट कटाकर अपनी सीट पर बैठ जाते हैं और सिगनल होने पर ट्रेन शुरु हो जाती थी. एक घंटे के अंदर बच्चे पूरे जू की सेर कर पक्षी से लेकर जानवरों को देख सकते थे.
टॉय ट्रन की हालत हो गयी है जर्जर
साल 2014 में कुछ दिनों तक टॉय ट्रेन चलाया गया. फिर टॉय ट्रेन का इंजन खराब हो जाने के बाद से यह बंद पड़ा है. इंजन से लेकर बोगी सब खराब हो चुके हैं. ट्रैक और इसमें लकड़ियां खराब हो चूकी हैं. बता दें कि 1977 में यहां टॉय ट्रेन की शुरूआत की गयी थी. वहीं साल 2004 में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने वाष्प इंजन वाली नयी ट्रेन यहां दिलवायी थी.