Patna : स्कूल टाइम में बेखौफ दौड़ रहे ट्रैक्टर
सुबह व दोपहर स्कूलों के खुलने और छुट्टी के समय दीघा, कुर्जी, गांधी मैदान, बाइपास के आसपास के क्षेत्रों में मालवाहक वाहनों का परिचालन होता रहता है. इससे हमेशा दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है.
संवाददाता, पटना: स्कूल टाइमिंग के दौरान माल ढोने वाले वैन, ट्रैक्टर, ट्रक व अन्य वाहन चलने से हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है. सुबह व दोपहर स्कूलों के खुलने और छुट्टी के समय दीघा, कुर्जी, गांधी मैदान, बाइपास के आसपास के क्षेत्रों में मालवाहक वाहनों का परिचालन होता रहता है. सुबह में विद्यालय जाने के लिए बड़ी संख्या में बस, वैन आदि सड़कों पर चलते हैं. इसी अवधि में बड़े वाहनों, मालवाहकों, ट्रैक्टर-ट्रकों के परिचालन से परेशानी होती है. उस वक्त सबसे अधिक ट्रैक्टर से दुर्घटनाएं होती हैं. इन पर बालू, गिट्टी और सरिया लदा रहता है, जो बिना यातायात नियमों का पालन किये तेज रफ्तार में चलते रहते हैं. इससे जाम की समस्या भी पैदा हो जाती है. ऐसे में कभी-कभी बच्चे समय पर स्कूल भी नहीं पहुंच पाते हैं. पिछले दिनों विभागीय समीक्षा में पाया गया है कि सुबह में माल ढुलाई करने वाले वाहनों के परिचालन से स्कूली बच्चों को दिक्कत हो रही है.
दीघा-कुर्जी से लेकर नासरीगंज, दानापुर से लेकर सगुना मोड़ व बाइपास में ज्यादा खतरा
शहर में सबसे अधिक परेशानी दीघा-कुर्जी से लेकर नासरीगंज, दानापुर से लेकर सगुना मोड़ और बाइपास के किनारे वाले इलाकों में हो रही है. बाइपास से सटे में अधिसंख्य स्कूल होने के बावजूद मालवाहक वाहनों की रफ्तार कम नहीं हो रही है. सुबह के समय बड़े वाहनों के सड़क पर होने से स्कूली बसों के परिचालन में दिक्कतें आ रही हैं. दीघा में सबसे अधिक ट्रैक्टरों का परिचालन सुबह सात से नौ बजे के बीच हो रहा है. कुर्जी पुलपर, संत माइकल हाइस्कूल के पास, गांधी मैदान के पास, लोयला के पास सुबह सात से नौ बजे तक सबसे ज्यादा ट्रैक्टर का परिचालन हो रहा है.बाइपास पर तेज रफ्तार में चलते हैं माल वाहक वाहन
मंगलवार को मीठापुर बाइपास स्थित शिवम कान्वेंट के पास सुबह 7:30 बजे से आठ बजे बच्चों के स्कूल जाने के वक्त ट्रैक्टराें का परिचालन बिना रोक-टोक के किया जा रहा था. वहीं, कृष्णा निकेतन के पास भी माल ढोने वाले वाहन दौड़ रहे थे. जगनपुरा के पास डीवाइ पाटिल स्कूल की घंटी करीब आठ बजे लगती है. लेकिन उस वक्त जगनपुरा की सड़कों पर बालू लोड करके ट्रैक्टर व हाइवा का परिचालन तेजी से किया जाता है. बाइपास पर मट्टी, बालू, गिट्टी व ईंट लदे ट्रैक्टर व ट्रक चल रहे थे. मीठापुर में छोटे-बड़े मिला कर करीब 10 से अधिक स्कूल हैं,जिनमें सरकारी व निजी दोनों स्कूल हैं़ सके अलावा बाइपास किनारे भी स्कूलों की संख्या 15 के आसपास हैं, जिनमें छोटे-बड़े सभी स्कूल शामिल हैं. इन सड़कों पर कई बार भारी वाहनों से स्कूली बच्चोें दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. वहीं, आधी रात को कई ट्रैक्टर चालक अपने डाली में बिना ढके अवैध तरीके से बालू बेचा करते हैं. जिससे सड़क के कई हिस्सों में बालू भी गिरा होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है