छठ में आये प्रवासियों को लौटने में छूट रहे पसीने, आधे यात्री बोगी में घुसे, बाकी प्लेटफार्म पर ही रह गये

परदेश में काम करने वाले बिहारी छठ बाद अब काम पर लौट रहे हैं. लेकिन, ट्रेनों में भीड़ के कारण पैर रखने की भी जगह नहीं मिल रही. जेनरल और स्लीपर बोगी में फर्श व गैलरी तक में यात्री बैठ कर यात्रा कर रहे हैं.

By RajeshKumar Ojha | November 11, 2024 10:02 AM

छठ के बाद अपने-अपने काम पर वापस जाने के लिए लंबी दूरी सहित लोकल ट्रेनों मे आने-जाने वालों की भीड उमड़ पड़ी है.पटना से दिल्ली की ओर जाने वाले ट्रेनों में सबसे ज्यादा भीड़ का दबाव दिखा.रेलवे की ओर से इस मार्ग पर बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया. इसके बावजूद टिकट होने के बावजूद रविवार को कई यात्री सफर करने से वंचित रह गए.पटना रेलवे स्टेशन पर भीड़ कुछ इस कदर उमड़ पड़ी थी कि भीड़ के नियंत्रित कर ट्रेन में सुरिक्षत चढ़ाने के लिए तैनात पुलिस भी अपने आप को बेवस महसूस समझ रही थी.

जेनरल बोगी में तो क्षमता से ज्यादा यात्री सवार हो गए थे.कुछ ऐसा ही हाल स्लीपर बोगी का भी था. बोगी में ठूंस ठूंसकर यात्री सवार होने के बाद इन लोगों ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था. जिसके कारण टिकट रहने के बाद भी लोग ट्रेन में नहीं चढ़ पाये. दिल्ली,मुम्बई,कोटा सहित लंबी दूरी की ट्रेनों में काफी भीड रही. सीट नही मिलने पर लोगो को काफी दिक्कत हो रही है.

ये भी पढ़ें… Video: छठ में आये प्रवासियों को लौटने में छूटे पसीने, ट्रेन में सीट मिलने में करना पड़ा जद्दोजेहद

जेनरल की बात तो दूर, स्लीपर में भी अधिक भीड होने से जेनरल वाली स्थिति हो गई है.थर्ड एसी मे भी लोकल यात्री घूस कर सफर कर रहे है.स्पेशल ट्रेनों का परिचालन लेट हो रहा है. गया जानेवाली ट्रेनों में सामान्य दिनों से अधिक भीड रही. रविवार को अवकाश का दिन होने के कारण लोगों मे अपने-अपने गंतव्य पर पहुंचने के कारण ही ट्रेनों मे काफी भीड रही, ताकि सोमवार को कार्यलय पहुंच सके.

लोकल में भी जाने में यात्रियों को ट्रेन में सीट पाने को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ रह रही है.रविवार को पटना से सहरसा जानेवाली राज्यरानी सुपर फास्ट एक्सपरेस में ठसाठस लोग भरे हुए थे.ट्रेन के प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आते ही सहरसा जानेवाले इसमें चढने के लिए बेताब दिखे. इसको लेकर उतरने वाले व चढने वाले यात्रियों में नोकझोक भी हुई. यात्रियों की भीड़ को लेकर आरपीएफ जवान मुस्तैद होकर चढने मे सहयोग किया.

Next Article

Exit mobile version