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बिहार में गठबंधन से अलग हो सकती है कांग्रेस, सीट बंटवारे को लेकर पार्टी में खलबली

बिहार में कांग्रेस सकते में है. गठबंधन के घटक दल उसे उसकी परंपरागत सीट भी नहीं दे रहे हैं. कांग्रेस अब यह तय नहीं कर पा रही है कि वो अलग लड़े या फिर गठबंधन में रहे. राजद ने बड़ी चालाकी से उन सीटों पर वामपंथी उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया जो कांग्रेस लड़ना चाह रही थी.

By Ashish Jha | March 24, 2024 11:07 AM

पटना. लोकसभा सीटों पर राजद के एकतरफा फैसले ने कांग्रेस और माले को न सिर्फ नाराज कर दिया है, बल्कि दोनों पार्टियां दोस्ताना संघर्ष के विकल्प पर गंभीरता से सोच रही हैं. औरंगाबाद, बेगूसराय, कटिहार, सुपौल कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. यहां से पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ते आये हैं. इस बार राजद ने इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों को सिंबल पकड़ा दिया है.

औरंगाबाद सीट भी गयी हाथ से

औरंगाबाद सीट को लेकर यहां के पूर्व सांसद निखिल कुमार ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. शनिवार को निखिल कुमार के आवास पर कांग्रेसियों का जुटान हुआ. निखिल कुमार ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी पर भरोसा है कि वह उन्हें औरंगाबाद से उम्मीदवार बनायेगी. कांग्रेस अपने युवा नेता कन्हैया कुमार के लिए भी कोई सीट नहीं निकाल पा रही. बेगूसराय में इस बार राजद ने यह सीट सीपीआइ को दी है. सूत्र बताते हैं कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस के भीतर कुछ सीटों पर दोस्ताना संघर्ष या अलग से चुनाव लड़ने की संभावना पर चर्चा हो रही है.

भाकपा माले को चाहिए पांच सीटें

इसी तरह भाकपा माले ने भी अपनी नाराजगी जता दी है. पार्टी सीवान और कटिहार की सीट पर अपना दावा जता रही है. माले का आरोप है कि दो विधायक वाली सीपीआइ और सीपीएम को एक-एक सीट दी गयी. वहीं 74 विधायकों वाली पार्टी राजद ने अपने लिए 28 सीटें रखी है. 17 विधायकों वाली पार्टी कांग्रेस को सात सीटें मिल रही हैं. इस लिहाज से 11 विधायकों वाले दल भाकपा माले को पांच सीटें मिलनी चाहिए.

कटिहार सीट पर राजद, कांग्रेस व माले आमने-सामने

पहले चरण वाली चार सीटों पर राजद ने अपने उम्मीदवार उतार दिये हैं. वहीं दूसरे चरण की पांच सीट किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में सिर्फ एक सीट किशनगंज पर ही कांग्रेस को उम्मीद दिख रही है. कटिहार सीट को लेकर राजद-कांग्रेस और भाकपा माले आमने सामने हैं. कांग्रेस कटिहार चाहती है, तो माले अपने विधायक दल के नेता महबूब आलम को अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है. जबकि राजद ने राज्यसभा सदस्य अशफाक करीम को कटिहार से उम्मीदवार बनाने का मन बना लिया है.

बीमा भारती के आने से पप्पू यादव का गणित गड़बड़ाया

अब पूर्णिया सीट पर कांग्रेस के पप्पू यादव की दावेदारी को लेकर संशय पैदा हो गया है क्योंकि जदयू से राजद में आयीं बीमा भारती को यहां से उतारने की चर्चा चल रही है. भागलपुर की सीट को लेकर भी राजद और कांग्रेस के बीच विवाद पैदा हो सकता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजित शर्मा ने कहा है कि यदि मौका मिला तो भागलपुर की सीट से उनकी बेटी नेहा शर्मा उम्मीदवार हो सकती हैं. उधर, सुपौल सीट पर राजद ने सिंघेश्वर से पार्टी विधायक चंद्रहास चौपाल को सिंबल दे दिया है.

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क्या कहते हैं नेता

शनिवार को भी सीटों को लेकर कुछ तय नहीं हुआ. हमलोग इंतजार ही कर रहे हैं. अलग से लड़ने के सवाल पर कहा कि यह अभी फाइनल नहीं हुआ है. अभी बातचीत का सिलसिला जारी है. संभावना बाकी है. जब गठबंधन टूट जायेगा, तब देखा जायेगा.
तारिक अनवर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

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