टीटीएफ 2024: स्वाति मिश्रा ने पटना के माहौल में घोला राम रंग, भीड़ गाने लगी- राम आएंगे तो…
टीटीएफ 2024 के कार्यक्रम में पटना पहुंची स्वाति मिश्रा ने पटना के लोगों को राम के रंग में रंग दिया. पटना के लोग झुम उठे
टीटीएफ 2024 के पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में चर्चित कलाकार स्वाति मिश्रा ने अपने गायन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी से लेकर मिथिला के पारम्परिक भजनों से पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया. स्वाति मिश्रा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां मौजूद थे.
इससे पहले बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नन्द किशोर ने कहा कि बिहार में ईको टूरिज्म की बड़ी सम्भवनाएं है. आने वाले समय में बिहार इसका सबसे बड़ा केंद्र होगा. प्रबंध निदेशक नन्द किशोर ने पर्यटन विभाग की ओर से पटना के ज्ञान भवन में आयोजित टीटीएफ 2024 के दूसरे सत्र में प्रकृति और पोषण: एक जिम्मेदार इको-पर्यटन मॉडल का निर्माण विषय पर आयोजित समूह परिचर्चा के दौरान ये बातें कही. उन्होंने कहा कि इस समूह परिचर्चा में जो भी सुझाव आये हैं उसपर आगे काम किया जाएगा.
भोजपुर के वन प्रमंडल अधिकारी, आईएफएस प्रदीप गौरव ने ईको टूरिज्म के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि रोहतास व कैमूर में इसकी अपार सम्भवनाएं है. पूर्व में नक्सल समस्या के कारण उस क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे स्थल हैं जहां तक लोग पहुंच ही नहीं सकते थे. लेकिन ये स्थल अब धीरे धीरे चिह्नित किये जा रहे हैं.
ये स्थल विश्व के पटल पर अपनी पहचान बना सकते हैं. उन्होंने ईको टूरिज्म पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इकोटूरिज्म का मतलब संरक्षण, समुदायों और संधारणीय यात्रा को एकजुट करना है. इसमें प्राकृतिक क्षेत्रों की यात्रा इस प्रकार से करी जाती है जिसमें स्थानीय वन्य जीवन, पर्यावरण और स्थानीय निवासियों को संरक्षित रखा जाए और उन्हें लाभ पहुंचे.
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सरकार के पर्यटक विभाग के सलाहकार श्री राज बसु ने ईको टूरिज्म के दौरान होम स्टे को लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि उन पर्यटन स्थलों पर एकदम से ग्राम्य जीवन जैसा अनुभव पर्यटकों को तभी मिल सकता है जब वे होटल की जगह वहां प्रकृति परिवेश में अपना समय गुजारें. इसके लिए उन पर्यटन स्थलों के पास गांव में होम स्टे की सुविधा बेहतर होना आवश्यक है.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार पौराणिक काल से ही पर्यटन का केंद्र रहा है. यहां पर महाभारत व भगवान बुद्ध के समय को देखें तो इसका प्रमाण मिलता है. जो लोग बोध गया आते हैं वे वेणु वन भी जाएं. बिहार में होम स्टे की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.