Loading election data...

कोरोना से जंग : पटना के दो दर्जन होटलों को बनाया जायेगा क्वारेंटाइन सेंटर, प्रशासन ने की तैयारी

बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले के बाद अब पटना के दो दर्जन होटलों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जायेगा. इसके अलावे कई सरकारी भवनों व विभागों को भी क्वारेंटाइन सेंटर में तब्दील किया जायेगा. इसे लेकर होटलों के मालिकों के साथ जिलाधिकारी कुमार रवि की वार्ता आयोजित की गयी

By Rajat Kumar | March 31, 2020 5:58 AM

पटना : बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले के बाद अब पटना के दो दर्जन होटलों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जायेगा. इसके अलावे कई सरकारी भवनों व विभागों को भी क्वारेंटाइन सेंटर में तब्दील किया जायेगा. इसे लेकर होटलों के मालिकों के साथ जिलाधिकारी कुमार रवि की वार्ता आयोजित की गयी . बताया जाता है कि फिलहाल पटना जिले में होम क्वेरेंटाइन की संख्या 3843 है, जबकि विदेश यात्रा से आने वाले व्यक्तियों की संख्या 937 है. इनमें से 107 का सत्यापन पूरा कर लिया गया है. बाकी के पहचान के लिए प्रखंड व नगर निकायों से प्राप्त डाटा का सत्यापन किया जा रहा है.

बता दें कि सरकार द्वारा विकसित एप से भी सूची का सत्यापन कराया जा रहा है और अद्यतन डाटा की अपलोडिंग आपदा प्रबंधन विभाग के वेबसाइट पर किया जा रहा है. बताया जाता है कि होटल से लेकर सरकारी भवन तक को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कुछ जगहों को फाइनल कर दिया गया है. जिलाधिकारी कुमार रवि कल होटल प्रबंधकों के साथ बैठक करेंगे और शाम तक इस संबंध में फैसला हो जायेगा. इसके अलावे सरकारी भवन के रूप में जिला अतिथि गृह, बामेती, बाल्मी ,यूथ क्लब, यूनिवर्सिटी हॉस्टल, रेलवे गेस्ट हाउस, बीएसएनएल गेस्ट हाउस आदि की पहचान की गयी है. इन तमाम जगहों पर भोजन व आवासन की सुविधा उपलब्ध रहेगी.

गौरतलब है कि बिहार में लॉकडाउन को पूरी तरह से प्रभावी करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ- साथ झारखंड और यूपी को जोड़ने वाले सभी रास्तों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. पुलिस अब एक जिले से दूसरे जिले में भी नहीं जाने दे रही है. इमरजेंसी और फल, दवा, सब्जी के अलावा किसी भी प्रकार के वाहनों, लोगों की आवाजाही पर पूर्णतया रोक लगा दी गयी है. पुलिस को आदेश दिये गये हैं कि उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल व झारखंड को जोड़ने वाले संपर्क मार्गों पर भी चौकसी रखी जाये. ऐसा न हो कि प्रमुख मार्गों पर पहरा देखकर लोग अन्य छोटे संपर्क मार्ग के जरिये एंट्री कर लें.

Next Article

Exit mobile version