पटना में हाजिरी बना कर गायब थीं दो महिला डॉक्टर, सिविल सर्जन ने मांगा स्पष्टीकरण

पटना शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हाजिरी बना कर दो महिला डॉक्टर गायब थी. सिविल सर्जन ने इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. सीएस की मानें, तो अगर सही जवाब नहीं मिला तो बड़ी कार्रवाई करते हुए गायब चिकित्सकों और कर्मी के वेतन भुगतान पर रोक लगायी जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2022 6:22 AM

पटना. शनिवार को सिविल सर्जन डॉ विभा सिंह ने गर्दनीबाग के 6सी स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया, जिसमें 2 महिला चिकित्सक और कर्मी गायब मिले. लिहाजा सीएस ने गायब डॉक्टर व कर्मियों से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है. सीएस की मानें, तो अगर सही जवाब नहीं मिला तो बड़ी कार्रवाई करते हुए गायब चिकित्सकों और कर्मी के वेतन भुगतान पर रोक लगायी जायेगी. उन्होंने दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है.

हाजिरी लगाकर घर पर थीं दोनों डॉक्टर : जांच में पता चला कि दोनों गायब डॉक्टर रेगुलर पोस्ट पर हैं. इनमें एक प्राथमिक केंद्र की प्रभारी हैं. शनिवार को सुबह हाजिरी लगाकर गायब हो गयी थीं. दोनों अपने-अपने घर में आराम कर रही थीं. सिर्फ एक पार्ट टाइम जॉब करने वाली थी, उनकी बदौलत ही मरीजों का इलाज चल रहा था. वहीं एक कर्मचारी की ड्यूटी ओपीडी में थी, जहां से वह गायब मिला. कर्मचारी की हाजिरी महीनेमें 30 दिन के बदले सिर्फ 15 दिन ही मिली.

सिविल सर्जन ने टीम का किया गठन

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर इलाज हो और डॉक्टर व कर्मी सही समय पर आएं, इसके लिए सिविल सर्जन डॉ विभा ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. सिविल सर्जन ने बताया कि पटना में 25 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. यहां के 8-8 केंद्रों पर 3-3 सीनियर डॉक्टरों को चयन किया गया है. ये डॉक्टर अपने-अपने केंद्रों पर औचक निरीक्षण करेंगे. साथ ही अगर डॉक्टर या कर्मचारी गायब मिले तो उनकी रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय को सौंपेंगे. लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेज कर कार्रवाई की लिए अनुशंसा की जायेगी.

प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की तैयारी

पटना. शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के वैसे डॉक्टर जो प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर धावा दल के माध्यम से नर्सिंग होम व चैरिटी के नाम पर चल रहे क्लीनिकों में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों का डेटा तैयार किया जा रहा है. इसके लिए धावा दल टीम के सदस्य चिह्नित वैसे अस्पतालों में जा कर सबूत के तौर पर उनकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी शुरू करेंगे. मालूूम हो कि आइजीआइएमएस के सरकारी डॉक्टर एनपीए यानी नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस ले रहे हैं, लेकिन बाहर कमाई के लिए प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर रहे हैं.

यहां तक कि आइजीआइएमएस के मरीजों को बेहतर इलाज के नाम पर अपने मनमाफिक नर्सिंग होम भेज कर मोटी फीस लेने की भी शिकायतें हैं, जबकि आइजीआइएमएस में ज्वाइन करने से पहले डॉक्टरों से शपथ पत्र भरवाया जाता है. सूत्रों की मानें, तो आइजीआइएमएस के न्यूरो, गैस्ट्रो, इएनटी, यूरोलॉजी, कैंसर, हृदय रोग, नेफ्रोलॉजी, रेडियोलॉजी, नेत्र रोग और मेडिसिन विभाग के सबसे अधिक डॉक्टर इन दिनों प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. धावा दल ने संबंधित विभाग के डॉक्टरों पर निगरानी शुरू कर दी है. दिन के साथ शाम 6 बजे से 10 बजे के बीच चिह्नित डॉक्टरों व अस्पतालों पर नजर रखी जा रही है.

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