संवाददाता, पटना : पटना जिले के दुल्हिनबाजार, बिहटा, धनरूआ, शेखपुरा जिले के बरबीघा में बैंक से संतोष उर्फ बकरिया के गैंग ने एक करोड़ से अधिक की लूट की है. पुलिस ने संतोष के साथ ही उसके गैंग के पिंटू व सुमित कुमार को भी गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि बकरिया गैंग का सरगना पश्चिम बंगाल के वर्धमान जेल में बंद निरंतक और बिट्टू हैं. इन दोनों के ही इशारे पर संतोष ने पटना, शेखपुरा और दुमका के बैंक में भी लूट की है. दुमका की पुलिस भी पूछताछ करने के लिए पटना आयी हुई है. निरंतक व बिट्टू बैंक लूट की योजना बनाने के साथ ही संतोष को बॉडीगार्ड भी उपलब्ध कराते थे. बॉडीगार्ड संतोष को गाइड करता था और हिफाजत करने का भी काम करता था. उसकी पहचान वैशाली निवासी के रूप में की गयी है. लेकिन, पुलिस ने उसके नाम को फिलहाल गुप्त रखा है. वह बॉडीगार्ड पटना व शेखपुरा जिले में हुए बैंक लूटकांड में हर जगह था. संतोष इतना शातिर है कि उसने पांच अगस्त काे दुल्हिनबाजार में पंजाब नेशनल बैंक से 20.48 लाख की लूट की और फिर दुमका के हांसडिहा स्थित बैंक ऑफ इंडिया से 15 लाख रुपये लूट लिये. पकड़े गये बदमाशों के पास से पिस्टल, लूट के 47,750 रुपये, एक लाेडेड देसी कट्टा, 15 जिंदा कारतूस, लूट की रकम से खरीदी गयी बाइक, पांच माेबाइल फोन, दो राउटर व दो एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. बकरिया व पिंटू दानापुर के रहने वाले हैं, जबकि सुमित कुमार सीतामढ़ी का रहने वाला है. इधर, पुलिस ने पकड़े गये सागर कुमार व संतोष की दूसरी पत्नी बसमतिया को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है. सिटी एसपी वेस्ट अभिनव धीमान ने बताया कि वर्धमान जेल में बंद निरंतक और बिट्टू को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. ये लोग एनडीपीएस एक्ट में बंद हैं. फिलहाल पांच लुटेरे फरार हैं. संतोष और उसका गैंग बैंक लूट की सात, फुलवारीशरीफ में प्राेपर्टी डीलर मंटू शर्मा व उनके पिता की हत्या, दीघा में नीरज पासवान की हत्या, रवि गोप के भाई राजू राय को घायल करने व चालक विकास की हत्या करने में शामिल थे.
पिंटू की वर्धमान जेल में हुई थी निरंतक और बिट्टू से मुलाकात
एनडीपीएस एक्ट के एक केस में पिंटू गिरफ्तार हुआ था और वर्धमान जेल में कई दिनों तक रहा था. इसी दौरान पिंटू की जान-पहचान निरंतक व बिट्टू से हुई. वह जब जमानत पर बाहर आया, तो उसने संतोष की उन लोगों से बात करायी और फिर बैंक लूट का खेल शुरू हो गया.पत्नी से मिलने आया और पुलिस ने किया गिरफ्तार
संतोष उर्फ बकरिया 2020 में जमानत पर छूटा था. वह बैंक लूट करने के बाद नेपाल भाग जाता था. वह दाे दिन पहले पहली पत्नी आरती देवी के बुलाने पर पटना आया था और धनरूआ के एक सरकारी स्कूल के पास था. इस दौरान वह लूट की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया गया. हथियार रखने व लूट की योजना बनाने का एक और केस संतोष और उसके गैंग पर धनरूआ थाने में दर्ज किया गया है.पुलिस से बचने के लिए जांगी एप से करता था कॉल
संतोष अपने गिरोह के सदस्यों से बात करने के लिए जांगी एप और वॉयस ओवर इंटरनेट कॉल से बात करता था. उसके लिए वह हमेशा राउटर अपने साथ रखता था, ताकि पुलिस उसे पकड़ नहीं सके और उसकी बातचीत को रिकॉर्ड न कर सके. जांगी एक सुरक्षित मैसेंजर एप है. सर्वर नहीं होने के कारण उस पर कोई भी डाटा सुरक्षित नहीं होता है.लूट की रकम को करता था जमीन में निवेश
संतोष व उसके गिरोह के सदस्य पिंटू, सुमित व अन्य लूट की रकम को जमीन खरीदने में निवेश करते थे. पूर्व में पकड़े गये धनश्याम भारती व शत्रुघ्न भी प्राॅपर्टी डीलर का काम करते थे. पुलिस इनकी संपत्ति के संबंध में जानकारी ले रही है. साथ ही बैंक खातों का भी पता किया जा रहा है. इन सभी के खिलाफ में संगठित गिरोह को लेकर बनायी गयी बीएनएस की नयी धारा के तहत भी केस दर्ज किया गया है. इसके माध्यम से पुलिस इनकी संपत्ति के साथ ही बैंक खाते के पैसों को जब्त करेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है