नीतीश शासनकाल में बने उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़नेवाले दो महासेतु, आज राज्य में 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज : नरेंद्र मोदी
पटना : बिहार की 12 परियोजनाओं का उदघाटन करते हुए बिहार की रेल परियोजनाओं के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क को मानवरहित फाटकों से मुक्त करने से लेकर रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोको फैक्टरी और मढ़ौरा में डीजल लोको फैक्टरी सहित रेललाइन विस्तार की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि नीतीश शासन में उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़नेवाले दो महासेतु शुरू किये गये. साथ ही कहा कि साल 2014 से पहले पांच वर्षों में जहां बिहार में मात्र सवा तीन सौ किमी नयी रेललाइन शुरू की गयी थी, वहां साल 2014 के बाद पांच वर्षों में करीब 700 किलोमीटर रेललाइन कमीशन हो चुकी है. इसके अलावा कहा कि नीतीश सरकार बनने से पहले तक बिहार में इक्का-दुक्का मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे. आज बिहार में 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं.
पटना : बिहार की 12 परियोजनाओं का उदघाटन करते हुए बिहार की रेल परियोजनाओं के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क को मानवरहित फाटकों से मुक्त करने से लेकर रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोको फैक्टरी और मढ़ौरा में डीजल लोको फैक्टरी सहित रेललाइन विस्तार की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि नीतीश शासन में उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़नेवाले दो महासेतु शुरू किये गये. साथ ही कहा कि साल 2014 से पहले पांच वर्षों में जहां बिहार में मात्र सवा तीन सौ किमी नयी रेललाइन शुरू की गयी थी, वहां साल 2014 के बाद पांच वर्षों में करीब 700 किलोमीटर रेललाइन कमीशन हो चुकी है. इसके अलावा कहा कि नीतीश सरकार बनने से पहले तक बिहार में इक्का-दुक्का मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे. आज बिहार में 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है. कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ ही बिहार में रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, नये रोजगार पैदा करनेवाले एक दर्जन प्रोजेक्ट्स का आज शुभारंभ हुआ है. बिहार में गंगाजी, कोसी, सोन नदियों के विस्तार के कारण, बिहार के अनेक हिस्से एक-दूसरे के कटे रहे हैं. नदियों के फैलाव वजह से होनेवाला लंबा सफर बिहार के लोगों की एक समस्या रहा है. बिहार की इस बड़ी समस्या के समाधान के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु, एक पटना में और दूसरा मुंगेर में शुरू किये गये थे. इन दोनों रेल पुलों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच, लोगों का आना-जाना और आसान हुआ है. आज कोसी महासेतु होते हुए सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत लाभ होगा. यही नहीं, इससे नॉर्थ ईस्ट के साथियों के लिए एक वैकल्पिक रेलमार्ग भी उपलब्ध हो जायेगा. बिहार के लोग तो भली-भांति जानते हैं कि वर्तमान में निर्मली से सरायगढ़ का सफर करीब-करीब 300 किमी का होता है. अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं, जब बिहार के लोगों को 300 किमी की ये यात्रा नहीं करनी पड़ेगी. 300 किमी की ये यात्रा सिर्फ 22 किमी में सिमट जायेगी.
प्रधानमंत्री ने रेल परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारतीय रेल के ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क को मानवरहित फाटकों से मुक्त कर, पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया जा चुका है. आज आत्मनिर्भरता और आधुनिकता की प्रतीक, वंदेभारत जैसी भारत में बनी ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा होती जा रही हैं. बीते छह साल से भारतीय रेल को नये भारत की आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने का प्रयास किया जा रहा है. आज भारतीय रेल, पहले से कहीं अधिक स्वच्छ है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार में रेल परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण का लाभ बिहार और पूर्वी भारत को मिल रहा है. मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोको फैक्टरी और मढ़ौरा में डीजल लोको फैक्टरी स्थापित की गयी हैं. इन परियोजनाओं से बिहार में लगभग 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. बिहार में जिस तरह की परिस्थितियां रहीं हैं, उनमें लोगों के आने-जाने का बहुत बड़ा साधन रेलवे रही है. ऐसे में बिहार में रेलवे की स्थिति को सुधारना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है.
2014 के पहले के पांच सालों में बिहार में सिर्फ सवा तीन सौ किलोमीटर नयी रेल लाइन शुरू थी. जबकि, 2014 के बाद के पांच सालों में बिहार में लगभग 700 किलोमीटर रेल लाइन कमीशन हो चुकी हैं. यानी, करीब दोगुने से अधिक नयी रेल लाइन शुरू हुईं हैं. जिस तरह से कोरोना के समय में रेलवे ने काम किया है और काम कर रही है, उसके लिए मैं भारतीय रेल के लाखों कर्मचारियों की विशेष प्रशंसा करता हूं. देश के लाखों श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने दिन-रात एक कर दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में मेडिकल कॉलेज की चर्चा करते हुए कहा कि नीतीश जी की सरकार बनने से पहले तक बिहार में इक्का-दुक्का मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे. आज बिहार में 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें से अनेक बीते कुछ वर्षों में ही बनाये गये हैं. कुछ दिन पहले ही बिहार में एक नये एम्स (दरभंगा एम्स) की भी स्वीकृति दे दी गयी है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कोरोना से बचाव को लेकर भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि मास्क जरूर पहनें, दो गज की दूरी का हमेशा ध्यान रखें. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता, अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, काढ़ा पीते रहें. गुनगुना पानी पीते रहें. अंत में कहा कि आप सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए, स्वस्थ रहिए.