UGC ने NEP लागू करने के लिए बनायी पांच जोन की समिति, पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति भी शामिल
नॉर्थ इस्टर्न एंड इस्टर्न जोन में सात कुलपति शामिल हैं, जिनमें बिहार के एक मात्र यूनिवर्सिटी के कुलपति को शामिल किया गया है. इसमें पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी का नाम है.
यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 के विजन को पूरा करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. सही समय पर एनइपी 2020 युवाओं तक पहुंचे, इसके लिए यूजीसी ने रोडमैप तैयार किया है. रोडमैप विकसित करने में विश्वविद्यालयों की सुविधा के लिए, यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ पांच क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है. नॉर्थ इस्टर्न एंड इस्टर्न जोन में सात कुलपति शामिल हैं, जिनमें बिहार के एक मात्र यूनिवर्सिटी के कुलपति को शामिल किया गया है. इसमें पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी का नाम है.
एचइआइएस को एक साथ लाने के लिए काम करेगी समिति
यूजीसी की ओर से बनायी गयी समिति हाइयर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन्स (एचइआइएस) को एक साथ लाने और उच्च शिक्षा के गुणात्मक परिवर्तन के लिए विभिन्न पहलू को लागू करने व अन्य मार्गदर्शन करेगी. एनइपी लागू करने में आ रही चुनौतियों व कार्यान्वयन के लिए रणनीतियों पर विचार-विमर्श करेगी. इसके साथ अन्य बेहतर आइडिया पर काम करेगी और प्रगति रिपोर्ट भी सौंपेगी. यूजीसी गुणात्मक परिवर्तन लाने में क्षेत्रीय समितियों को सहयोग प्रदान करेगी.
यूजीसी ने कई नये काम शुरू किये, समितियां करेंगी इसका अध्ययन
यूजीसी ने कहा है कि अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स, मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट इन एकेडमिक प्रोग्राम्स, सिंगल-स्ट्रीम एचइआइएस को मल्टी डिसिप्लिनरी इंस्टीट्यूशंस में बदलने, कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूइटी) जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं. इसके साथ एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम, भारतीय और विदेशी एचइआइएस के बीच अकादमिक सहयोग, ट्विनिंग, संयुक्त और दोहरी डिग्री कार्यक्रम, उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण, पीएचडी, स्नातक कार्यक्रमों के लिए नियम और पाठ्यचर्या और क्रेडिट ढांचा को बेहतर बनाने के लिए समितियां काम करेगी.
नॉर्थ इस्टर्न एंड इस्टर्न जोन : बिहार, झारखंड, असम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल व अंडमान-निकोबार को शामिल किया गया है.