यूजीसी करेगा उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन

यूजीसी अब सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (एचइआइ) का मूल्यांकन करेगा. इसके लिए कवायद शुरू कर दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 5, 2025 11:01 PM
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-30 दिनों में मांगे सुझाव-एनइपी 2020 के कार्यान्वयन के आधार पर दो चरणों में होगा मूल्यांकन

– 30 दिनों के भीतर हितधारक या आमजन को देना है गूगल फॉर्मेट में सुझाव

संवाददाता, पटना:

यूजीसी अब सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (एचइआइ) का मूल्यांकन करेगा. इसके लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. यूजीसी की ओर एक प्रणाली विकसित की जा रही है. यह मूल्यांकन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 के कार्यान्वयन के आधार पर किया जायेगा. इसमें आयोग दो चरणाें में संस्थानों का मूल्यांकन करेगा. इसके आधार पर संस्थानों को ग्रेड भी दिया जायेगा. इसके लिए यूजीसी ने 30 दिनों के भीतर सुझाव भी मांगे हैं. इसके लिए आयोग के सचिव मनीष आर जोशी ने एक गूगल फाॅर्म भी जारी किया है. इसमें आवश्यक डाक्यूमेंट के साथ पूरी जानकारी दी जा सकती है. यूजीसी के सचिव ने कहा है कि एनइपी 2020 को लागू करने में उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से हुए कार्यों को इसके तहत देखा जाना है. इसमें यूजीसी के नियमों के तहत अधिकार व विशेषाधिकार देने को लेकर भी विचार किया जायेगा. मूल्यांकन के आधार पर ही यूजीसी शिक्षण संस्थानों को अनुदान देगा.

गूगल फाॅर्म में उत्तर हां व न में देना होगा

मूल्यांकन प्रक्रिया दो चरणों में होगी. इसके तहत पहले चरण में संस्थानों को क्वालिफायर प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसमें संस्थानों के पास अनिवार्य आवश्यकताओं का मूल्यांकन होगा. ऐसे में संस्थानों को उन आवश्यकताओं को पूरा करना होगा. इसके बाद क्वालिटी प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें साक्ष्य को चेक किया जायेगा. इसमें एनइपी 2020 और यूजीसी की गाइडलाइन पर आधारित गूगल फाॅर्म में प्रश्नावली होगी, जिसमें उत्तर हां व न में देना होगा.

गलत जानकारी देने पर कार्रवाई:

मूल्यांकन में दी जाने वाली जानकारी को लेकर संस्थानों को साक्ष्य व डाटा देना होगा. इसमें किसी तरह के झूठे साक्ष्यों का उपयोग करने व पकड़े जाने पर कार्रवाई के प्रावधान तय किये जायेंगे. दोनों चरणों की प्रक्रिया के पूरा करने पर संस्थानों को अनुदान देने के योग्य माना जायेगा. इसमें पात्र उच्च शिक्षा संस्थानों को मापदंडों के आधार पर मूल्यांकन होना है. इसमें मानक पर खड़ा उतरने के बाद उन्हें विशेष अनुदान भी दिया जा सकता है. इसमें संस्थानों की रैंकिंग भी की जा सकती है.

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