पटना एयरपोर्ट पर दूसरे दिन भी तीन फ्लाइटों से 28 बिहारी छात्र पटना पहुंचे. पटना पहुंचने के बाद छात्रों ने कहा कि 12 घंटे तक जाम में फंसे रहने के बाद यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्र रोमानिया पहुंचे थे. यूक्रेन में खाना-पीना नहीं मिल रहा है. यूक्रेन की सीमा पार करने से पहले खाना-पीना कुछ नहीं मिला. जगह-जगह सेना के जवान और अधिकारी रोक कर कर्फ्यू टाइम के दौरान उनकी गाड़ी को चेक कर रहे थे.
छात्रों ने बताया कि चेकिंग के दौरान परिचय जानने के बाद उनको किसी सैनिक ने परेशान नहीं किया, चाहे वह यूक्रेन के सैनिक हों या रुसी कब्जे वाले क्षेत्रों में मिले रुस के सैनिक हों और उन्हें आगे जाने दिया गया. छात्रों की मानें, तो बड़ी संख्या में अब भी भारतीय छात्र वहां फंसे हैं. राजधानी कीव और उसके आसपास ऐसे छात्रों की संख्या सबसे अधिक है. मालूम हो कि रविवार को भी तीन फ्लाइटों से 23 छात्र पटना पहुंचे थे.
यूक्रेन से आये सुल्तानगंज थानाध्यक्ष शेर सिंह यादव के बेटे राहुल कुमार ने बताया कि हमलोगों को 25 फरवरी को ही बस से इवानो शहर से निकलना था, लेकिन बस अचानक रद्द हो गयी. कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि यहां कि स्थिति खतरनाक हो चुकी है. जितना जल्दी हो, इस शहर को छोड़ दें. उसके बाद हमलोग खुद अपना बस करके रोमानिया बॉर्डर पहुंचे.
राहुल ने बताया कि 350 किमी दूर बॉर्डर तक जाने में हमें महज चार घंटे ही लगा, लेकिन वहां बॉर्डर से 20-25 किमी पहले से ही लोगों के अधिक संख्या में पलायन के कारण ऐसी जाम लगी थी कि बस का आगे बढ़ना संभव हीं नहीं था. वहां से हमलोगों को पैदल ही अपने लगेज को लेकर रोमानिया बॉर्डर तक आना पड़ा.
बताया कि रोमानिया बॉर्डर से एयरपोर्ट तक जाने वाली बसों में जगह पाने के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ा, क्योंकि डेढ़-दो हजार लोग वहां जमा थे, जबकि आठ घंटे में एक-दो बसें आती थी. वहीं लड़कों को लाइन में लगाने के लिए हमारे सामने रोमानिया की पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की.
राहुल ने बताया कि हमलोग भी दूसरों से लड़ झगड़कर बस में बैठने में सफल रहे और एयरपोर्ट पहुंचे. वहां से आगे की व्यवस्था हमारे भारतीय दूतावास ने की थी. लिहाजा आने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई और एयर इंडिया का विमान हमें दिल्ली और वहां से इंडिगो का विमान पटना ले आया.
Published By: Thakur Shaktilochan