पापा मुझे बचा लो ! यूक्रेन में एंबेसी की चेतावनी व खराब मौसम के बीच पैदल चल रही बिहार की बेटी का दर्द
Bihar News: यूक्रेन में फंसी बिहार की एक बेटी ने अपने पिता से दर्द बयां किया. यूक्रेन के हालात बिगड़ते जा रहे हैं और वहां फंसे छात्र-छात्रा अब खराब मौसम के बीच ही पैदल सड़क पर निकल गये हैं. एंबेसी ने भारतीय को जल्द से जल्द खारकीव छोड़ने का आदेश दिया है.
मैं ठीक हूं…लेकिन यहां की स्थिति काफी खराब है. पापा…मुझे बचा लो…कब कहां क्या होगा कोई नहीं जानता. ये बातें यूक्रेन में फंसी मधेपुरा की निधि कुमारी ने अपने पिता बिपीन बिहारी से कही. प्रभात खबर के संवाददाता से बातचीत करते हुए छात्रा के पिता की आवाज लड़खड़ा रही थी.
बेटी के वतन वापसी के लिए पूरा परिवार प्रार्थना कर रहा है. सभी टीवी के आगे बैठ पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. वहीं यूक्रेन में फंसी बेटी मैसेज व वीडियो कॉल कर परिवार वालों को यहां की वस्तु स्थिति से अवगत करा रही है.
दरअसल, इंडियन एंबेसी द्वारा सभी भारतीय को जल्द से जल्द खारकीव छोड़ने का आदेश दिया गया है. आदेश मिलते ही खारकीव नेशनल यूनिवर्सिटी के लगभग 400 भारतीय छात्र-छात्राएं खारकीव से पैदल ही निकल गये हैं. एंबेसी ने यूक्रेन के खार्किव में फंसे भारतीयों के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भारतीय तुरंत खार्किव को छोड़ दें.
भारतीय एम्बेसी ने कहा कि छात्र पैदल ही पास के शहरों पोसेचिन, बाबई और बेजुल्योदोव्का पहुंचें. मिली जानकारी के अनुसार खार्किव से पोसेचिन 11 किमी, बाबई 12 किमी और बेजुल्योदोव्का 16 किमी दूर है.
यूक्रेन में फंसे पूर्णिया की जया कुमारी के पिता जय नारायण मेहता ने बताया कि मैं भारत सरकार से गुजारिश करता हूं कि जल्द से जल्द सभी भारतीय को अपने देश लाया जाये. वहां का मौसम खराब हो गया है, जिसके कारण पैदल चलने में और भी परेशानी आ रही है.
बेटी से बातचीत में पता चला कि रूसी सैनिक भारतीय को नजदीक के चयनित स्थल पर पहुंचाया जा रहा है. पिता से बात करते हुए जया रो पड़ी और बोलने लगी कि पापा सभी डरे हुए हैं. समझ में नहीं आ रहा है कि मैं कब आप लोगों के पास आऊंगी. जया और निधि दोनों चचेरी बहन है. दोनों ने अपनी एक दोस्त के साथ वीडियो बना परिवार वालों को भेजा है.
Published By: Thakur Shaktilochan