पटना : कोरोना संक्रमण के इस संकट के समय में लगातार 15 दिनों तक अपने कार्य में अनुपस्थित रहने वाले 28 चिकित्सा शिक्षक, सीनियर रेजिडेंट, ट्यूटर रेजिडेंट को स्वास्थ्य विभाग ने कार्य में योगदान करने के लिए तीन दिनों का अल्टिमेटम दिया है. सभी चिकित्सा शिक्षक व अन्य अगर तीन दिनों के भीतर अपने कार्य को लेकर संबंधित मेडिकल कॉलेज में योगदान नहीं करते है तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनकी संविदा व टेन्योर समाप्त मानी जायेगी. साथ ही उनपर आपदा प्रबंधन एक्ट और महामारी एक्ट के सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जायेगी.
जिन डाक्टरों के खिलाफ नोटिस जारी की गयी है, उनमें बेतिया, मुजफ्फरपुर के डॉक्टरों के नाम हैं. जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेेज, एनएमसीएच, गया मेडिकल कालेज और पटना मेडउिकल कालेज अस्पताल के कुछ डॉक्टरों को संकट के समय में लगातार 15 दिनों तक अपने कार्य में अनुपस्थित रहने के कारण नोटिस जारी हुई है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीतामढ़ी के सैदपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी पर कार्य में लापरवाही बरतने और अनप्रोफेशनल व्यवहार करने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि क्यों ना आप की संविदा नियुक्ति रद्द करते हुए बिहार मेडिकल रेगुलेशन कॉउन्सिल में उनके निबंधन रद्द करने की अनुसंशा की जाये. विभाग की ओर से जारी की गयी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मुजफ्फरपुर के कल्याणपुर की रहने वाली आठ वर्षीय बच्ची को जब स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा के लिए लाया गया तो मौजूद चिकित्या पदाधिकारी द्वारा सही दवा नहीं दी गयी़ स्वास्थ्य केंद्र में एसओपी के अनुसार सभी दवाएं व उपकरण करने के बावजूद मेडिकल प्रोटोकॉल को फोलो नहीं किया गया़ गलत दवा देकर रोगी को एसकेएमसीएस रेफर कर दिया गया़ जहां जांच में बच्ची की स्थिति काफी नाजुक पायी गयी, दवा देने के बाद भी सुधार नहीं हुआ और बीते बुधवार की रात 12:40 बजे उसकी मृत्यु हो गयी. के बाद दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की गयी है.