प्रमाणपत्र न देने वाले कुलसचिवों व प्राचार्यों का वेतन होगा बंद, शिक्षा मंत्री ने दिया अल्टीमेटम
मैराथन बैठक में शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि लापरवाह अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा. विभाग की तरफ से इस संदर्भ में औपचारिक पत्र जारी किया जा रहा है. उन्होंने सभी कुलपतियों से आग्रह किया कि अपने विश्वविद्यालयों के अवकाश प्राप्त कर्मियों के पेंशन का अनिवार्य तौर पर भुगतान करें.
पटना. शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने कहा है कि 1600 करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा न करने वाले विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों, फाइनेंस अफसरों और सरकारी कालेजों के प्राचार्यों के आगामी सभी वेतन रोक दिये जायेंगे. उपयोगिता प्रमाण पत्र चुकाने के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. शिक्षा मंत्री ने यह आदेश प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुल सचिवों की बैठक में दिये.
शनिवार को शिक्षा विभाग के स्वर्गीय मदन मोहन झा स्मृति सभागार में चार घंटे से अधिक समय तक चली इस मैराथन बैठक में शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि लापरवाह अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा. विभाग की तरफ से इस संदर्भ में औपचारिक पत्र जारी किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से आग्रह किया कि अपने-अपने विश्वविद्यालयों के अवकाश प्राप्त कर्मियों के पेंशन का अनिवार्य तौर पर भुगतान करें.
सत्र नियमित करने का निर्देश
शिक्षा मंत्री ने बैठक में कहा कि जिन विश्वविद्यालयों को विभाग की तरफ से इस मद में राशि नहीं मिली है, उसे पुर्नविनियोग के तहत राशि दी जायेगी. इंटर से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक पास करने वाली बालिकाओं को फीस की सालों से बकाया चल रही राशि के भुगतान के लिए कहा विश्वविद्यालयों को आश्वस्त किया कि भुगतान बहुत जल्दी दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि करीब दो लाख से अधिक बालिकाओं की फीस की अनुदान राशि का भुगतान सरकार को करना है. शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिये कि वह अविलंब सत्र नियमित करें. कुलपतियों ने मंत्री को आश्वस्त किया कि 31 मार्च तक सत्र काफी हद तक नियमित हो जायेंगे.
बैठक में मगध विश्वविद्यालय , कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की तरफ से दी गयी जानकारी पर शिक्षा मंत्री संतुष्ट नहीं थे. शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि इन तीनों विश्वविद्यालयों की अलग- अलग बैठक ली जायेगी. सभी की तिथियां भी सुनिश्चित की गयीं. कहा गया कि विश्वविद्यालय लंबित परीक्षा कराएं. परीक्षा परिणाम घोषित कर समय पर डिग्री बांटें.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इन विश्वविद्यालयों में आश्चर्यजनक अनियमितताएं हुई हैं. इनका समाधान अभी जरूरी हो गया है. इसी तरह बीएन मंडल विवि के साथ बैठक के लिए तिथियां तय की गयीं. उन्होंने बैठक में साफ कर दिया कि एसबी सिन्हा और अग्रवाल कमीशन के तहत जारी अनुशंसाओं के आलोक में प्रोन्नति की जायेंगी. साथ ही पे फिक्शेसन की कार्यवाही की जायेगी. बैठक में विशेष रूप से कुलपतियों के अलावा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव असंगबा चुबा आओ उपस्थित रहे.
बैठक में लिये गये अहम निर्णय
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शिक्षा मंत्री ने बताया कि बिहार स्टेट एजुकेशनल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के कार्य संतोष जनक नहीं है. इसकी लापरवाही से विभिन्न विश्वविद्यालयों की आधारभूत संरचना से जुड़े कार्य अधूरे पड़े हैं. मंत्री ने कहा कि विकास कार्य के लिए कॉरपोरेशन का विकल्प तलाशे जाने का निर्णय लिया गया है.
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ऐसे विश्वविद्यालय जिन्होंने बिना संबद्धता लिये परीक्षा करा लीं, परिणाम नहीं दिये ऐसे मामलों में वन टाइम रियायत देने के लिए विधि परामर्श के लिए सरकार जायेगी.
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विभिन्न विश्वविद्यालयों से जुड़े दूरस्थ शिक्षा केंद्रों के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों को यूजीसी की गाइड लाइन के तहत विश्वविद्यालयों में समायोजन किया जायेगा.
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बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग की तरफ से अनुशंसित प्राध्यापकों की वेतन राशि जारी करने के आदेश दिये यह राशि बहुत जल्दी जारी होगी.
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विभाग ने हाल ही में 289 हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति अनुशंसा भी विश्वविद्यालयों को भेज दी है.
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अब तक करीब छह सौ से अधिक सहायक प्राध्यापकों की अनुशंसा विश्वविद्यालयों को जा चुकी है.