बिहार की कुल जनसंख्या की 48 प्रतिशत आबादी 18 साल से कम आयु वर्ग की है, जो भारत की कुल जनसंख्या का 10 प्रतिशत है. एक बड़ी उपभोक्ता बाजार कंपनी होने के नाते राज्य में बच्चों के विकास और वृद्धि से संबंधित सीएसआर गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए. ये बातें यूनिसेफ की बिहार प्रमुख नफीसा बिंते शफीक ने कहीं. वे रविवार को चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना (सीआइएमपी) में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी. इसका आयोजन इंडिया सीएसआर के सहयोग से किया गया.
दो दिवसीय सम्मेलन में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारी व पदाधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान पांच पेपर प्रस्तुत किये गये. एसडीजी के लिए सीएसआर को समझने के लिए फिल्मों का उपयोग करना और शेयर बाजार और आर्थिक विकास के बीच दीर्घावधि और अल्पकालिक संघ की परीक्षा जैसे विषयों पर पेपर प्रस्तुत किये गये.
सीआइएमपी के निदेशक प्रो राणा सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन के महत्व के बारे में जानकारी दी. इसके अतिरिक्त मैजेस्टिक ऑटो लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश मुंजाल ने समापन भाषण दिया. उन्होंने कहा कि सम्मेलन शिक्षाविदों, चिकित्सकों, सलाहकारों और शोध विद्वानों को सर्वोत्तम समाधान के साथ आने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है.
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समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि आइओसीएल (बिहार-झारखंड) के मुख्य कार्यकारी निदेशक विभाष कुमार ने कोरोना काल को याद करते हुए बताया कि कैसे आइओसीएल ने सरकार की मदद से मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सिलेंडरों की खरीद की. आइओसीएल सीएनजी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन विकसित कर रहा है और इजरायली फर्म के साथ बैटरी प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और स्वच्छ ऊर्जा के लिए हाइड्रोजन ईंधन की आपूर्ति के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर भी बढ़ रहा है.