पटना : प्रदेश की तीन हजार से अधिक पंचायतों में पहली बार कक्षा 9 की पढ़ाई शुरू कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है. लॉकडाउन के तत्काल बाद कभी भी ये स्कूल शुरू किये जा सकते हैं. इस संदर्भ में यूनिसेफ ने इन विद्यालयों के हेडमास्टर्स को विशेष ट्रेनिंग दी है. यह ट्रेनिंग प्रधानाध्यापकों में अकादमिक और प्रशासनिक क्षमता संवर्धन के लिए दी गयी है. यह ट्रेनिंग चार दिन पहले ही दी गयी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस ट्रेनिंग में तीन हजार से अधिक प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया है.
यह ट्रेनिंग मुख्य रूप से उनमें एकेडमिक लीडरशिप, चाइल्ड डेवलपमेंट और एकेडमिक एजुकेशन से जुड़ी जानकारियों को साझा करना था, ताकि वे माध्यमिक स्कूल का प्रशासनिक और बच्चों की प्रवृत्ति समझ सकें. चार दिन ऑनलाइन चले इस कार्यक्रम में यूनिसेफ की विशेषज्ञ शिक्षा विशेषज्ञ प्रमिला मनोहरन, सीनियर कंसल्टेंट सैयद अब्दुल मोइन और आरएस सिंह शामिल रहे.
समीक्षा के बाद नामांकन : शिक्षा विभाग की तरफ से विभागीय उप निदेशक अमित कुमार और राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी ने इन प्रधानाध्यापकों को स्कूल संचालन के संबंध में जरूरी टिप्स दिये. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन के बाद स्थिति की समीक्षा के बाद इन स्कूलों में नामांकन किया किया जायेगा. इधर इन स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है.
लॉकडाउन के प्रभाव के चलते राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए शिक्षकों का चयन खटाई में पड़ गया है. शिक्षकों के चयन के लिए जिलास्तरीय चयन समिति की अहम बैठकें नहीं हो सकी हैं. 23 जुलाई गुरुवार को केंद्र को राज्य की तरफ से अनुशंसित शिक्षकों की सूची जानी थी. देर रात तक इस संबंध में बैठकों का इंतजार किया गया. हालांकि इस मामले में शिक्षा विभाग के उच्चस्तरीय अधिकारियों को निर्णय लेना है कि जिन नाम मात्र के जिलों से आयी सूची में से ही केंद्र को नाम भेज दिये जायें, या नाम भेजने के लिए कुछ अतिरिक्त समय मांग लिया जाये.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक लॉक डाउन के चलते बमुश्किल से आधा दर्जन जिलों से ही अनुशंसित सूची हासिल हुई है. प्रत्येक जिले से न्यूनतम तीन-तीन शिक्षकों के नाम राज्य स्तरीय समिति के सामने रखे जाने हैं. इनमें से केवल छह शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए अग्रेषित किया जाना है. उल्लेखनीय है कि इस शिक्षक सम्मान के लिए पूरे प्रदेश से 159 शिक्षकों ने पंजीयन कराये हैं. इन्हीं में से जिला स्तरीय चयन समिति को नामों की अनुशंसा करना है. फिलहाल लॉक डाउन के चलते यह मामला लटक गया है.