दरभंगा में ग्रामीण बैंकों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेंगी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संवाददाता,पटना
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में ग्रामीण बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन पिछले कुछ साल से ग्रामीण बैंकों की स्थिति बहुत खराब है. बिहार के उत्तर और दक्षिण ग्रामीण बैंकों की भी कमोबेश स्थिति अच्छी नहीं है.उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक जहां महज कुछ करोड़ के लाभ में है,तो दक्षिण ग्रामीण बैंक नौ सौ करोड़ से अधिक की घाटे में है. क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नवंबर के तीसरे सप्ताह में दरभंगा आने वाली हैं. वे यहां ऋण वितरण कार्यक्रम में शामिल होंगी और ग्रामीण बैंकों की समीक्षा करेंगी. इसमें ग्रामीण बैंकों की एनपीए और कृषि ऋण वितरण की स्थिति पर विशेष चर्चा होगी.
देश के सभी 43 ग्रामीण बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में 7,571 करोड़ का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया है. गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात 6.1% है, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे कम है, लेकिन इसके ठीक उल्ट बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों का औसत एनपीए काफी अधिक है. बिहार के ग्रामीण बैंकों को एनपीए 23.78% है.उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का एनपीए 13.48% और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का एनपीए 35.37% है. वहीं, उत्तर बिहार ग्रामीण का मुनाफा महज 32 करोड़ है, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का घाटा 918 करोड़ है.
बैठक में वित्त मंत्री ने क्लस्टर लोनिंग का दिया था निर्देश
अगस्त में नयी दिल्ली में हुई ग्रामीण बैंक के अध्यक्षों की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ने क्लस्टर लोनिंग पर विशेष निर्देश दिया था. उन्होंने कृषि और इससे संबंधित उद्यम के साथ-साथ वस्त्र, हस्तशिल्प, लकड़ी के फर्नीचर, मिट्टी के बर्तन, जूट हस्तशिल्प, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी फार्मिंग और पैकिंग सामग्री जैसे क्षेत्रों से जुड़े छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को ऋण सुनिश्चित करने के लिए एमएसएमइ क्लस्टरों पर आधारित ऋण बांटने ने लिए कहा था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है