कैंपस : सरकारी स्कूलों में कक्षा एक के बच्चों को यूनिक आइडी देने की तैयारी
शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब यूनिक आइडी नंबर देने की योजना पर काम कर रहा है. विद्यार्थियों की अपनी खास एक पहचान के लिए उन्हें 12 अंकों की खास यूनिक आइडी दी जायेगी.
संवाददाता, पटना
शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब यूनिक आइडी नंबर देने की योजना पर काम कर रहा है. विद्यार्थियों की अपनी खास एक पहचान के लिए उन्हें 12 अंकों की खास यूनिक आइडी दी जायेगी. यह आइडी कक्षा एक में ही बच्चों को दे दी जायेगी. कक्षा एक में दी गयी यूनिक आइडी कक्षा 12वीं तक एक ही रहेगी. छात्र की पहचान इसी आइडी के माध्यम से होगी और कक्षा 12वीं तक के सभी एकेडमिक डिटेल इस आइडी के माध्यम से देखे जा सकते हैं. शिक्षा विभाग की टीम हाल ही में चेन्नई गयी थी, जहां टीम ने पढ़ाई की व्यवस्था देखने के साथ ही विद्यार्थियों की खास पहचान और डिटेल की सटीक जानकारी के लिए यूनिक आइडी की वर्किंग को देखा और समझा है.स्कूली बच्चों को बेहतर सुविधा प्रदान करने की होगी कोशिश
शिक्षा विभाग की अधिकारियों की टीम ने चेन्नई के स्कूलों में दी जा रही सुविधाओंं को बारीकी से देखा है. विभाग के अधिकारियों के अनुसार बिहार की स्कूली शिक्षा व्यवस्था और चेन्नई के स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों को दी जा रही सुविधा काफी हद तक मेल खाती है. कुछ मायने में चेन्नई की स्कूली शिक्षा व्यवस्था राज्य की शिक्षा व्यवस्था से आगे है. वहां के कक्षा एक में पढ़ने वाले बच्चों को यूनिक आइडी (12 अंकों का विशिष्ट पहचान नंबर) दिया जाता है. जो कक्षा 12वीं तक एक ही यूनिक आइडी रहता है. अगर विद्यार्थी आगे पढ़ाई जारी रखते हैं, तो यूनिक आइडी एक ही रहती है. इससे यह भी पहचान करने में आसानी होती है कि विद्यार्थी ने पढ़ाई जारी रखी है या बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी है.बच्चों को खास अभियान के तहत दिया जाता है ट्यूशन
चेन्नई के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूल की पढ़ाई के अलावा अलग से शिक्षा आपके द्वार अभियान के तहत एक से दो घंटे की ट्यूशन की सुविधा भी दी जाती है. इस अभियान के तहत 10 या 20 बच्चों के ग्रुप एक से दो घंटे का ट्यूशन दिया जाता है. बिहार में यह नियम मिशन दक्ष और विशेष कक्षा के नाम से जाना जाता है. इसमें भी बच्चों को ट्यूशन ही दिया जाता है. मिशन दक्ष और विशेष कक्षा में वही बच्चे पढ़ते हैं, जो पढ़ने में कमजोर हैं. इसके अलावा चेन्नई में स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन के अलावा स्कूल खुलते ही ब्रेक फास्ट भी दिया जाता है. ब्रेक फास्ट राज्य सरकार की ओर से अलग से दिया जाता है.चेन्नई की टीम भी आयी थी बिहार
वर्ष 2023 में चेन्नई शिक्षा विभाग के अधिकारी बिहार आये थे. वहां की टीम ने भी यहां की स्कूली व्यवस्था को देखा और समझा था. एमओयू के तहत यह विभागीय दौरा था. इस दौरे का उद्देश्य स्कूली बच्चों की शिक्षा को कैसे बेहतर किया जाये. भविष्य में चेन्नई की स्कूली शिक्षा को बिहार में भी लागू करने का प्रस्ताव है.B
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