यूपी में आज सुबह सात बजे से मतदान जारी है. उत्तर प्रदेश के शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और अलीगढ़ वोट डाले जा रहे है. यूपी में पिछले विधानसभा चुनाव (2017) की तर्ज पर एक बार फिर पश्चिमी यूपी से गुरुवार को मतदान की शुरुआत हो गयी है. ये सभी क्षेत्र जाट बहुल हैं. सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव आयोग और प्रशासन ने इसके लिए पुख्ता तैयारियां की है.
इन जिलों में भाजपा ने इस बार अपने जीते हुए 19 विधायकों के टिकट काट दिये हैं. चार नये चेहरों को मैदान में उतारा है. वही, भाजपा ने तीन ऐसे उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है, जिन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था. वहीं, सपा-रालोद गठबंधन ने 58 में से 43 विधानसभा सीटों पर नये उम्मीदवार उतारे हैं. इन 43 उम्मीदवारों ने 2017 का चुनाव न तो सपा के टिकट पर लड़ा था और न ही रालोद के टिकट पर. पश्चिमी यूपी में बसपा सभी 58 सीटों पर चुनावी मैदान में है.
यूपी चुनाव में सीयासत के कुछ अलग ही रंग देखने को मिल रहे है. हम बात कर रहे है जदयू और निषाद पार्टी की, जो बिहार में दोस्त है और यूपी में दुश्मन हैं. ये दोनों पार्टियां भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकर चला रही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिहार के दो राजनीतिक दलों की मौजूदगी बिहार में भाजपा के साथ उनकी दोस्ती पर भारी पड़ रही है. पार्टियां, जनता दल (यूनाइटेड) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार का हिस्सा हैं. बतादें कि बीजेपी द्वारा गठबंधन से इनकार करने के बाद दोनों अकेले यूपी चुनाव लड़ रहे हैं.