पटना. सॉल्वर गैंग के सरगना की तलाश में यूपी पुलिस ने रविवार को पटना और छपरा में छापरा में एक साथ छापेमारी किया. लेकिन, इसकी भनक सॉल्वर गैंग के सरगना PK उर्फ नीलेश सिंह को पहले ही हो गई थी. यही कारण है कि यूपी पुलिस की छापेमारी से पहले ही वह पटना छोड़कर दूसरे जगह चला गया. हालांकि, दबिश के दौरान PK की तस्वीर पहली बार पुलिस के हाथ लगी है.
डॉक्टर बनकर रह रहा था
NEETपरीक्षा में धांधली के प्रयास में लगे सॉल्वर गैंग के सरगना PK उर्फ नीलेश सिंह पटना के पाटलिपुत्र में रहता था. महंगी गाड़ियों का शौकीन PK अपनी कॉलोनी के लोगों को खुद को डॉक्टर बताता था. उसने यहां पर अपना चार मंजिला आलीशान मकान भी बनवा रखा है. वो महंगी गाड़ियों का भी शौकीन है. पुलिस की छापेमारी के बाद PK की असलियत जानकार आस पास के लोग सन्न रह गए हैं. वहीं, बिहार के छपरा जिले के सेंधवा गांव स्थित PK के घर पुलिस गई तो पता लगा कि वहां उसने अपने करीबियों को खुद को बिजनेसमैन बता रखा है.एक
सिम का उपयोग एक हफ्ते करता था
सॉल्वर गैंग के सदस्य एक सिम का उपयोग एक सप्ताह से ज्यादा नहीं करते थे. इस बात की जानकारी वाराणसी पुलिस द्वारा शनिवार को गिरफ्तार किए गए सॉल्वर गैंग के सदस्य विकास कुमार महतो और राजू कुमार ने पुलिस को दी. दोनों ने पुलिस को बताया कि सभी सदस्य फर्जी आईडी पर लिए गए सिम कार्ड का उपयोग करते थे और बातचीत के लिए व्हाट्स ऐप मैसेज और कॉल का सहारा लिया करते थे. पुलिस को दोनों ने बताया कि उनका गिरोह अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र और एडमिट कार्ड मंगवाने के लिए हमेशा एयर कूरियर सर्विस का इस्तेमाल करता था. इससे फायदा यह होता था कि कूरियर कंपनी का डिलीवरी ब्वॉय कभी उनके ठिकाने तक नहीं आ पाता था. जब भी कूरियर आता था वह एयरपोर्ट जाकर उसे खुद ही लेते थे.