गर्मी से लीची को 15 फीसदी तक नुकसान

बिहार में गर्मी का कहर जा रही है. इससा सबसे अधिक दुष्परिणाम लीची पर होगा. . तापमान बढ़ने से लीची में पानी की कमी होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 2:02 AM

संवाददाता, पटना बिहार में गर्मी का कहर जा रही है. इससा सबसे अधिक दुष्परिणाम लीची पर होगा. . तापमान बढ़ने से लीची में पानी की कमी होगी. इससे लगभग 15 फीसदी लीची में क्रैकिंग की समस्या होगी. इससे लीची के स्वाद और उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ेगा. इस साल मुजफ्फरपुर समेत बांका, औरंगाबाद, जमुई, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, मधेपुरा, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, मधुबनी, कटिहार और अररिया में लीची की खेती हुई है. कृषि वैज्ञानिकाें का कहना है कि 15 जून तक अगर बारिश नहीं होती है तो इस साल लीची को बड़ा नुकसान हो सकता है. मौसम के गर्म रहने से खीरा और ककड़ी के स्वाद में तीखापन बढ़ेगा. इससे खीरा और ककड़ी के खराब हो जाने की ज्यादा संभावना है. कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि तापमान बढ़ने से मिट्टी में नमी की कमी हो जायेगी. इससे फसलों की सिंचाई के लिए पानी का जुगाड़ करना कठिन हो जायेगा. वास्तविक लागत से पानी की अधिक जरूरत पड़ेगी. जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिलने पर फसलों की उत्पादकता और उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा. कृषि वैज्ञानिकों ने तालाब का बहुआयामी अपील करने की सलाह दी है. कहा है कि तालाब में मुर्गी और बत्तख पालने से उनके अपशिष्ट से खेतों की सिंचाई में खाद की कम जरूरत पड़ती है. मुर्गी और बत्तख के पंख फड़फड़ाने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ती है. गर्मी से लीची को 15 फीसदी तक का नुकसान: उपाध्याय आइसीएआर पटना के भूमि व जल प्रबंधन प्रभाग के एचओडी डॉ आशुतोष उपाध्याय ने गर्मी से लीची में पानी की कमी हो जायेगी. इससे 15 फीसदी तक लीची को नुकसान है. खीरा और ककड़ी भी इस गर्मी से प्रभावित हैं.

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