पटना. राजधानी पटना में गंगा उफान पर है. उत्तर प्रदेश से आ रहे पानी के कारण गंगा जलस्तर बढ़ गया है. दियारा क्षेत्र के कई गांव इसमें डूब गए हैं. पटना में शवों का अंतिम संस्कार करना भी बेहद मुश्किल हो गया है. दीघा घाट, बांसघाट और गुलबी घाट के पास होने वाले अंतिम संस्कार स्थल डूब गए हैं. परिजनों को घुटने भर पानी में घुस कर शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. गुलबी घाट पर बने विद्युत शवदाहगृह में पानी घुस गया. जिसके कारण उससे हुए शार्ट सर्किट के बाद विद्युत शवदाहगृह को बंद कर दिया गया है.
पटना के कई घाट गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण डूब गए हैं. गांधी घाट, काली घाट, कलेक्टेरियट घाट और गायघाट पूरी तरह डूब गया है. गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान से 110 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. गांधी घाट पर गंगा का पानी पाथवे को पार कर सड़क पर पहुंच गया है. बाढ़ का पानी सड़क पर पहुचने से आस पास में रहने वाले दहशत में है. लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की टीम भी अलर्ट मोड में है. पटना में सुरक्षा बांध समेत तमाम नदियों के तटबंधों पर नजर रखी जा रही है.
गंगा का लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. गंगा दियारा के रायपुर हसन गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है. गांव के लोग बाढ़ से बचने के लिए नाव पर घर का सारा सामान लादकर पटना पहुच रहे हैं. तेज धार के कारण कटाव तेज होने से घर टूट रहे हैं, जिससे लोग महिलाएं बच्चों को लेकर पटना लॉ कॉलेज (Patna Law College) के पीजी हॉस्टल के कैम्पस में शरण लेने को मजबूर हैं. बड़ी संख्या में लोग अपने जानवरों को भी लेकर विस्थापित होने को मजबूर हैं.
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह गुरुवार को बाढ़, बख्तियारपुर, एवं अथमलगोला के बाढ़ प्रभावित दियारा क्षेत्र का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से हाल-चाल जाना. पटना के डीएम ने जरुरतमंदों को भरोसा दिलाया कि पटना जिला प्रशासन की ओर से जरुरतमंदों को हरसंभव मदद किया जायेगा. इस क्रम में जिलाधिकारी ने बख्तियारपुर प्रखंड के रानी सराय घाट से इनफ्लैटेबल मोटर बोट के माध्यम से प्रखंड के दियारा क्षेत्र काला दियारा, रूपस महाजी, चिरैया, हरनहिया, सत्रहबीघा तथा अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा एवं रामनगर करारी कछार में बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया तथा लोगों से फीडबैक भी लिया. इसके साथ ही बाढ़ प्रखंड परिसर सहित अन्य केंद्रों पर संचालित सामुदायिक किचन का निरीक्षण किया और अनुमंडल पदाधिकारी बाढ़ एवं संबंधित अंचलाधिकारी को आवश्यकतानुसार कम्युनिटी किचन की संख्या बढ़ाने तथा बाढ़ प्रभावित परिवारों को हर संभव सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया.