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मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर बयानबाजी से भड़के उपेंद्र कुशवाहा, कहा- रोजगार के महत्वपूर्ण मंत्रालय बिहार के पास

केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार के मंत्रियों के विभाग को लेकर चल रही बयानबाजी पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है.

केंद्रीय मात्रिमंडल में विभागों के बंटवारे के बाद विपक्षी दल लगातार हमलावर है. जिसे लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल बिहार के मंत्रियों के बीच विभागों के वितरण को लेकर मीडिया में अनावश्यक बहस चलाई जा रही है. मेरी समझ से सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण है. बस, काम करने की दृढ़ इच्छा शक्ति और मजबूत व पक्का इरादा के साथ कुछ कर गुजरने की दृष्टि होनी चाहिए.

बिहार के मंत्रियों के पास महत्वपूर्ण विभाग : उपेंद्र कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि आदमी को हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए. किसी भी क्षेत्र में प्रगति की यह प्रथम शर्त है. आखिर क्या चाहिए बिहार को‌ ? अच्छी शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के अलावा किसानों के घर में खुशहाली और युवाओं के लिए काम. जरा सोचिए, किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य और युवाओं को रोजगार दिलाने वाला महत्वपूर्ण विभाग किसके पास है? बिहार के मंत्रियों के पास ही न.

कृषि, उद्योग और रोजगार के महत्वपूर्ण मंत्रालय बिहार के पास : उपेंद्र कुशवाहा

खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय चिराग पासवान जी के पास, सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय जीतन राम मांझी जी के पास और पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय ललन सिंह जी के पास है और कपड़ा मंत्रालय गिरिराज सिंह जी के पास है. इन सभी के माध्यम से भी बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किया जा सकता है. राम नाथ ठाकुर जी के माध्यम से कृषि मंत्रालय और राजभूषण निषाद जी के माध्यम से जलशक्ति मंत्रालय में भी हमारी दखल अंदाजी है. क्या ऐसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का बिहार के पास होना एक अवसर नहीं है हमारे लिए ?

नकारात्मक बहस छोड़ सकारात्मक बनें : उपेंद्र कुशवाहा

उन्होंने आगे कहा कि जहां तक शिक्षा व स्वास्थ्य का सवाल है. इन दोनों विषयों में मुख्य जवाबदेही का कार्यक्षेत्र राज्य की सरकार के पास है. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी पहले से लगे और डटे हुए हैं. अत: अनावश्यक बहस में लगे लोगों से आग्रह है कि चुनाव खत्म हो चुका है. केन्द्र में काम करने वाली सरकार बन चुकी है. आइए, हम सब नकारात्मक बहस करने की बजाय सकारात्मक बनें और बिहार की प्रगति की चिंता करें. एक-दूसरे की टांग खींचने की बजाय सहयोगात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें. वरना समय बीतता जाएगा और हमारा बिहार पीछे छूटता जाएगा.

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