Smart Meter: बिहार सरकार ने स्मार्ट मीटर को लेकर जारी किया नोटिस, बताया क्या-क्या मिल रही सुविधाएं
Smart Meter: बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर कई भ्रांतियां हैं. इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए ऊर्जा विभाग ने एक पत्र जारी किया है. साथ ही इस नोटिस में यह भी बताया गया है कि स्मार्ट मीटर से क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं.
Smart Meter: बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर सियासत जारी है. राजद और कांग्रेस पार्टी स्मार्ट मीटर को लेकर प्रदर्शन कर रही है. वहीं सत्ता पक्ष इसी मुद्दे पर लगातार पलटवार भी कर रही है. इसी बीच बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग ने एक जानकारी साझा कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ी कई भ्रांतियों को दूर किया है. साथ ही बताया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर से लोगों को क्या सुविधाएं मिल रही हैं.
ऊर्जा विभाग ने बताया स्मार्ट मीटर से क्या-क्या मिल रही सुविधाएं
जारी नोटिस में ऊर्जा विभाग ने बताया है कि कुछ लोगों का मानना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर बिल भुगतान करने से कोई खास लाभ नहीं है. दरअसल, यह एक मिथक है. हकीकत यह है कि स्मार्ट मीटर बिल भुगतान पर छूट और ब्याज की सुविधा दे रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ मिल रहा है. दूसरा मिथक यह है कि इन मीटरों से औसत बिल आने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन सच्चाई यह है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर सटीक बिलिंग करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सही बिल मिलता है और अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकता है.
कुछ लोगों का मानना है कि मीटर रीडिंग में अक्सर गलतियां होती हैं, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को उनकी रोजाना बिजली खपत की सटीक जानकारी देते हैं, जिससे किसी तरह की गलती की गुंजाइश नहीं रहती. इसके अलावा बिजली खपत की जानकारी न मिलने का एक और मिथक है. हकीकत यह है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बिजली खपत की पूरी जानकारी देते हैं, जिससे वे न सिर्फ अपनी खपत पर नियंत्रण रख सकते हैं, बल्कि बचत भी कर सकते हैं. लोगों का यह भी मानना है कि स्मार्ट मीटर की किसी भी शिकायत के लिए दफ्तर जाना पड़ता है. लेकिन हकीकत में आप घर बैठे ही ऐप के जरिए स्मार्ट मीटर से जुड़ी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.
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राजद और कांग्रेस की सरकार के दौरान लगा स्मार्ट मीटर : लोजपा
लोजपा रामविलास ने कहा कि राजद और कांग्रेस स्मार्ट मीटर के खिलाफ आंदोलन कर रही है, जबकि इनके कार्यकाल में ही स्मार्ट मीटर लगाया गया है. पार्टी के प्रदेश महासचिव संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि पहली बार 2015 से 26 जुलाई 2017 तक , जबकि दूसरी बार 10 अगस्त 2022 से 28 जनवरी, 2024 तक राजद सरकार का हिस्सा थी. वर्ष 2022-23 में 35 लाख स्मार्ट मीटर का टेंडर हुआ जो इंटेलीस्मार्ट कंपनी को मिला तथा 78 लाख स्मार्ट मीटर का टेंडर हुआ जो एनसीसीडब्ल्यू, अडानी और इंप्रिंट को मिला. ध्यान देने योग्य बात है कि आखिरी टेंडर में राजद और कांग्रेस सरकार में अडानी को टेंडर मिला. उन्होंने कहा कि सवाल पैदा होता है कि जब आप सरकार के हिस्सा थे, तो आज धरना प्रदर्शन किसको बरगलाने के लिए कर रहे हैं. जब सरकार में थे तो सही फैसले क्यों नही किए?
स्मार्ट मीटर पर विपक्ष फैला रहा भ्रम: उमेश कुशवाहा
वहीं, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बीते दिनों कहा कि बिजली स्मार्ट मीटर पर विपक्षी दलों का विरोध राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है. स्मार्ट मीटर को लेकर आम जनता में भ्रम फैलाने के लिए विपक्ष हर रोज नये हथकंडे अपना रहा है. वर्ष 2005 से पहले गरीबों की झोंपड़ी में बिजली की पहुंच सिर्फ कपोल कल्पना थी. आज नीतीश सरकार में ‘हर घर बिजली’ योजना के तहत सुदूर गांवों तक निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को लालटेन युग से बाहर निकाल कर बिजली के क्षेत्र में नया मानक स्थापित किया है.
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राजद की सरकार में बिजली आना होता था उत्सव
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजद की सरकार में बिजली का आना एक उत्सव के रूप में देखा जाता था. आज प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 23 से 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 21 से 22 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है. प्रति व्यक्ति बिजली की खपत भी 70 यूनिट से बढ़कर अब 360 यूनिट हो चुकी है. साथ ही बिजली आपूर्ति के मामले में बिहार आज देश के कई समृद्ध राज्यों से आगे खड़ा है और पूरे प्रदेश के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है.
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