सितंबर से चालू हो रहे सातवें चरण के शिक्षक नियोजन में सिर्फ 11 वीं और 12 के स्कूलों के लिए 70 हजार से अधिक रिक्तियां प्रस्तावित की जा सकती हैं. इनमें करीब 50 फीसदी रिक्तियां प्रोन्नति से भरे जाने पर गंभीरता से विचार चल रहा है. माध्यमिक के पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री धारकों को उच्च माध्यमिक स्कूल में प्रोन्नत किया जा सकता है. बशर्ते की वह उस विषय में पोस्ट ग्रेजुएट हो, जिसका पद रिक्त हो.
जानकारों के मुताबिक सातवें चरण के लिए 6421 उच्च माध्यमिक स्कूलों में सबसे अधिक 49361 पद सृजित हैं. अगर छठे चरण के उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन में संभावित 17000 और कुछ अन्य विषयों के रिक्त पद को जोड़ दें, सातवें चरण के लिए कुल रिक्तियां 70 हजार से अधिक हो सकेंगी. शिक्षा विभाग की मंशा है कि सातवें चरण के लिए कॉमर्स विषय की एसटीइटी करा ली जाये. ताकि उस विषय के लिए योग्य शिक्षक हासिल हो सकें. हालांकि इस मामले में अभी अंतिम निर्णय आना बाकी है. इसके अलावा दूसरी राजभाषा मसलन उर्दू ,संस्कृत आदि के लिए 5791 पद और कंप्यूटर शिक्षक के लिए एक हजार पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं. यह पद सातवें चरण के लिए सृजित किये गये हैं.
दूसरी तरफ, 5425 माध्यमिक स्कूलों में 33916 सृजित पद रिक्त हैं. अगर छठे चरण की 10 हजार संभावित रिक्तियों की संख्या जोड़ दें, तो माध्यमिक स्कूलों में कुल खाली पदों की संख्या 44 हजार पार पहुंच जाने की उम्मीद है. माध्यमिक स्कूलों में प्रति स्कूल छह-छह शिक्षकों की नियुक्तियां की जानी हैं.
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फिलहाल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 83277 से अधिक सृजित पदों और छठे चरण की संभावित रिक्तियों को जोड़ दें तो कुल एक लाख से अधिक रिक्तियां सातवें चरण में प्रस्तावित की जा सकती हैं. इसी तरह प्राथमिक और मध्य स्कूलों की करीब एक लाख रिक्तियों को भी जोड़ दें तो सातवें चरण में दो लाख से ऊपर पहुंच सकती हैं.