वैशाख आज से, बन रहे कई दुर्लभ योग

सनातन धर्म में वैशाख मास को अतिपुण्यकारी माना गया है. स्कंदपुराण के अनुसार वैशाख मास सभी मास में उत्तम मास है. यह मास वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल यानी बुधवार से शुरू हो रहा है, जो वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 23 मई को खत्म होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2024 12:47 AM

पटना. सनातन धर्म में वैशाख मास को अतिपुण्यकारी माना गया है. स्कंदपुराण के अनुसार वैशाख मास सभी मास में उत्तम मास है. यह मास वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल यानी बुधवार से शुरू हो रहा है, जो वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 23 मई को खत्म होगा. इस मास में हिंदुओं के कई अहम व्रत-त्योहार होंगे. इनमें अक्षय तृतीया, जानकी नवमी, मोहिनी एकादशी, बुद्ध पूर्णिमा प्रमुख है. वैशाख मास धर्म, यज्ञ, क्रिया एवं व्यवस्था सार के साथ मनोकामना सिद्ध करने वाला मास होता है. यह मास विशेष रूप से संयम, अहिंसा, अध्यात्म, स्वाध्याय व सेवा का मास है. वैशाख मास संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है. श्रीहरि विष्णु को यह मास अत्यंत प्रिय है. ऋतु परिवर्तन की वजह से सूर्य की तपन बढ़ जाती है.

अक्षय तृतीया समेत होंगे कई व्रत-त्योहार

10 मई को अक्षय तृतीया :

ज्योतिषी आचार्य राकेश झा ने बताया कि वैशाख शुक्ल द्वितीय के बाद तृतीया 10 मई शुक्रवार को ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जायेगा.इस दिन दोपहर 12:32 बजे तक रोहिणी नक्षत्र उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र रहेगा. इसके साथ ही अक्षय तृतीया के दिन रवियोग का सुयोग भी रहेगा. इस तिथि पर किया गया स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, शुभ कार्य आदि करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं. अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण, रजत, धातु, रत्न व अन्य शुभ वस्तुओं की खरीदारी का विशेष महत्व होता है.

जानकी नवमी 17 को :

वैशाख शुक्ल नवमी 17 मई को पूर्वा फाल्गुन नक्षत्र व रवियोग में जानकी नवमी मनायी जायेगी. जनक नंदिनी माता सीता का प्राकट्योत्सव पूरे देश में विशेषकर मिथिला में धूमधाम से मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा का पर्व वैशाख शुक्ल पूर्णिमा गुरुवार 23 मई को विशाखा नक्षत्र व परिघ योग में मनेगी. इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, जयद् योग एवं सिद्ध योग का पुण्यकारी संयोग बन रहा है.

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