बिहार के 4 जिलों की किस्मत बदल देगा ये एक्सप्रेसवे, यूपी-झारखंड और बंगाल जाना आसान हो जाएगा

Expressway In Bihar: 610 किलोमीटर लंबे वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे का 160 किलोमीटर हिस्सा बिहार में बनेगा. बिहार के चार जिलों से गुजरने वाली इस सड़क से बिहार के लोगों का आर्थिक और सामाजिक विकास बेहतर होगा.

By Anand Shekhar | January 27, 2025 6:31 PM

Expressway In Bihar: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण से बिहार के गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिलों की तकदीर बदलने जा रही है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अगले कुछ महीनों में शुरू होने की संभावना है, जिसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस परियोजना से वाराणसी से कोलकाता की दूरी तय करने में लगने वाला समय मौजूदा 15 घंटे से घटकर सिर्फ 9 घंटे रह जाएगा. इससे न सिर्फ परिवहन तेज और आसान होगा, बल्कि इन जिलों के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा.

610 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेसवे

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम 1980 में हाल ही में किए गए संशोधन से एक्सप्रेस-वे के लिए वन मंजूरी की प्रक्रिया सरल हो गई है. यह बदलाव इस परियोजना के सुचारू एवं तीव्र क्रियान्वयन में सहायक साबित हो रहा है. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 610 किलोमीटर होगी तथा इसकी अनुमानित लागत करीब 35,000 करोड़ रुपये है. इस मार्ग का करीब 160 किलोमीटर हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले की सीमा पर चांद से बिहार में प्रवेश करेगा तथा गया के इमामगंज में समाप्त होगा.

कैमूर पहाड़ी में बनेगी सुरंग

इस एक्सप्रेसवे का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा कैमूर पहाड़ियों में पांच किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण होगा. इसके अलावा सासाराम के तिलौथू में सोन नदी पर पुल बनाने और जीटी रोड से औरंगाबाद पहुंचने के लिए निर्माण की विशेष योजना बनाई गई है.

व्यापारियों को होगा लाभ

इस एक्सप्रेसवे से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिलों में व्यापार और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. स्थानीय किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पादों को बड़े बाजारों तक ले जाने में आसानी होगी. इसके साथ ही वाराणसी और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी बढ़ने से पर्यटन और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

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परियोजना की खास बातें

  • कुल लंबाई: 610 किमी
  • लागत: करीब 35 हजार करोड़ रुपये
  • बिहार में लंबाई – 160 किमी
  • बिहार में प्रवेश – यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से बिहार में प्रवेश करेगा
  • बिहार से निकास- यह एक्सप्रेसवे गया के इमामगंज से झारखंड की ओर बढ़ेगा

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