चालान 90 दिनों में नहीं भरने पर ब्लैक लिस्टेड होगी गाड़ी

यातायात नियमों को तोड़ने पर कटे चालान को 90 दिनों के भीतर जमा करना होगा. ऐसा नहीं करने पर चालकों को रिमाइंडर आयेगा, उसके बाद संबंधित गाड़ी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 27, 2024 1:09 AM

संवाददाता, पटना यातायात नियमों को तोड़ने पर कटे चालान को 90 दिनों के भीतर जमा करना होगा. ऐसा नहीं करने पर चालकों को रिमाइंडर आयेगा, उसके बाद संबंधित गाड़ी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा. परिवहन अधिकारियों ने कहा है कि गाड़ी के ब्लैक लिस्टेड होने के बाद उसका फिटनेस, प्रदूषण, ऑनरशिप ट्रांसफर आदि कुछ भी वाहन मालिक नहीं करा पायेंगे. विभागीय समीक्षा में पाया गया है कि चालान कटने के बाद भी लोग छह माह एवं एक साल तक गाड़ी का जुर्माना नहीं भर रहे हैं. इस सुस्ती को देखते हुए विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि ऐसी गाड़ियों को हर जिले में ब्लैक लिस्टेड करें, ताकि इन गाड़ियों का कोई भी पेपर अपडेट नहीं हो सकें. राज्यभर में जल्द लगाये जायेंगे 350 एएनपीआर कैमरे : परिवहन विभाग ने यह आदेश जारी किया है. बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी, मुजफ्फपुर स्मार्ट सिटी व भागलपुर स्मार्ट सिटी में भी एएनपीआर कैमरे लगाये गये हैं. विभाग के मुताबिक राज्य में अगले वर्ष अप्रैल तक 350 से अधिक कैमरा लगाने का लक्ष्य रखा गया है. अब नवनियुक्त एडीटीओ, एमवीआइ और इएसआइ भी कर पायेंगे जुर्माना पटना. परिवहन विभाग ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर नवनियुक्त अपर जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआइ और इएसआइ को यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने की शक्तियां प्रदान की हैं. विभाग ने कहा है कि मोटरयान संशोधन अधिनियम 2019 की धारा के तहत लाइसेंस, हेलमेट, ओवरलोडिंग, पार्किंग सीट बेल्ड, ओवर स्पीड, प्रदूषण व इंश्योरेंस सहित सभी बिंदुओं पर उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान काट सकते हैं. हाल के दिनों में परिवहन विभाग में एडीटीओ, एमवीआइ और इएसआइ की नियुक्ति की गयी है, जिनका प्रशिक्षण कार्य पूरा होने के बाद उनकी पोस्टिंग कर दी गयी है. जानकारी के मुताबिक अब विभाग के पास एडीटीओ 42, एमवीआइ 90 और इएसआइ 250 हो गये हैं. इस बढ़ी संख्या के बाद यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों पर सख्ती में परेशानी नहीं होगी. पूर्व में इनकी संख्या कम होने से एक ही अधिकारी को दो या तीन जिलों का चार्ज तक दिया गया था. इस कारण से काम की गति भी धीमी रहती थी.

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