बिहार में भी कांवरिया पथ पर दुकानों पर नेमप्लेट अनिवार्य हो, VHP और बजरंग दल ने कर दी मांग
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि अजगैबीनाथ धाम से देवघर तक के रास्ते में पड़ने वाली सभी दुकानों की पहचान कर उन्हें चिन्हित किया जाए. यात्रा मार्ग पर फल विक्रेता, होटल और ढाबा मालिक अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखवाएं
Kanwar Yatra: विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने यूपी और उत्तराखंड की तरह बिहार में भी कांवर मार्ग पर दुकानदारों के नाम की पट्टिका लगाने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मंत्री परशुराम कुमार ने कहा कि सोमवार (21 जुलाई) से झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम में प्रतिदिन हजारों-लाखों श्रद्धालु भागलपुर, मुंगेर और बांका जिले से होकर जल चढ़ाते हैं. अजगैबीनाथ धाम से देवघर तक जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले सभी दुकानों को चिन्हित कर पहचान करने की आवश्यकता है.
दुकान के सभी कर्मियों की सूचना सार्वजनिक बोर्ड पर हो प्रदर्शित
परशुराम कुमार ने कहा कि यात्रा मार्ग पर मौजूद फल विक्रेताओं, होटल और ढाबा मालिकों को अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखवाना चाहिए. इसके अलावा इस मार्ग पर मांस की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. सभी दुकान कर्मचारियों की पहचान सार्वजनिक रूप से सूचना बोर्ड पर प्रदर्शित की जानी चाहिए.
यह संविधान के अनुरूप : बजरंग दल
बजरंग दल के प्रांत संयोजक रजनीश कुमार ने कहा है कि इस योजना को पूरे बिहार में हिंदू समाज के सभी पर्व एवं त्योहार में सख्ती से पालन प्रशासन को करवाना चाहिए. यह संविधान के अनुरूप है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम में भी प्रावधान है कि राशन दुकान का प्रोपराइटर का नाम तथा लाइसेंस लिखा होना चाहिए. नागरिक को अधिकार है कि चिह्नित स्थानों से खरीददारी कर सके.
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जेडीयू यूपी-उत्तराखंड सरकार के फैसले से असहमत
मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने यूपी और उत्तराखंड सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. पार्टी महासचिव के त्यागी ने कहा कि हम इस फैसले से असहमत हैं.