Bihar News:बेटी को डॉक्टर बनाने बिहार के अधिकारी ने बोरे में जमा किये 2 करोड़ कैश, रेड में काली कमाई का खुलासा

हाजीपुर के श्रम अधिकारी दीपक कुमार के ठिकानों पर निगरानी की रेड में मिले करीब दो करोड़ के कैश मामले में एक जानकारी सामने आई है कि बेटी को मेडिकल में एडमिशन दिलाने के लिए भी पैसे जमा किये जा रहे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2021 11:47 AM

हाजीपुर के श्रम अधिकारी दीपक कुमार शर्मा के ठिकानों पर निगरानी ने जब रेड मारा तो चौंकाने वाला नजारा सामने दिखा था. अधिकारी ने काली कमाई के नोटों को बोरे और बैगों में भरकर रखा था. करीब दो करोड़ रुपये कैश निगरानी की टीम ने छापेमारी के दौरान जब्त की थी. इन नोटों को जमा करने वाले अधिकारी दीपक कुमार ने पत्नी और बेटे के नाम पर 9 प्लॉट भी खरीद रखा था. वहीं कैश को बेटी के मेडिकल में एडमिशन के लिए खर्च करने की योजना का खुलासा हुआ है.

बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. विजलेंस के निशाने पर जब हाजीपुर के श्रम अधिकारी दीपक कुमार चढ़े तो उनके होश तब उड़ गये जब बिना मौका दिये ही निगरानी की टीम अचानक छापा मारने उनके घरों पर चढ़ गई. जब छापेमारी शुरू हुई तो बैग और बोरे में ठुंसे हुए कैश निकलने लगे. गिनती के लिए मशीन मंगानी पड़ी. अवैध तरीके से करीब 2 करोड़ रुपये कैश को जमा करके अधिकारी दीपक ने रखा था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी की टीम ने जब छापेमारी में मिले कैश के बारे में दीपक कुमार से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वो अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे. मेडिकल में एडमिशन के लिए काफी पैसे लगते हैं इसलिए सोचा था इसी से जमा कर देंगे. बता दें कि दीपक कुमार शर्मा की तैनाती कैमूर में भी हो चुकी थी. मोहनिया चेक पोस्ट पर मजिस्ट्रेट के तौर पर अतिरिक्त प्रभार उनके पास रहा. यहीं से मोटी कमाई की आशंका जताई जा रही है.

Also Read: समर्थकों की निगाहें एयरपोर्ट की तरफ और दुल्हन लेकर सड़क मार्ग से पटना पहुंच गये तेजस्वी यादव?

दीपक कुमार को जमीन-जायदाद का भी शौक रहा. इनके परिवार में कुल 11 प्लॉट खरीदे गये जिसमें 2 प्लॉट दीपक कुमार के नाम पर है जबकि 9 प्लॉट बेटे और पत्नी के नाम से इन्होंने खरीदे थे. पटना, मोतिहारी, राजगीर में ये प्लॉट खरीदे गये थे. राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रत्येक साल अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना होता है लेकिन दीपक कुमार कई संपत्तियों की जानकारी छुपाते रहे और निगरानी के रडार पर चढ़ गये.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version