विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने रविवार को मजरूह सुल्तानपुरी की पंक्ति ‘मैं अकेला ही चला था, जानिबे मंजिल , मगर लोग पास आते गये और कारवां बनता गया’ को उद्धृत करते हुए कहा कि आज वीआईपी की स्थिति यही हो गई है. उन्होंने कहा कि वीआईपी की शुरुआत पहले छोटे स्तर पर हुई थी लेकिन अब कारवां बढ़ता जा रहा है.
पटना में रविवार को चंद्रशेखर विचार मंच के प्रमुख विज्ञान स्वरूप सिंह सहित उनके सैकड़ों समर्थकों ने वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने विज्ञान स्वरूप को पार्टी सवर्ण प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया. इस मिलन समारोह को संबोधित करते हुए वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने विज्ञान स्वरूप सिंह सहित उनके समर्थकों का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि सिंह के पार्टी में आने से पार्टी को एक अभिभावक मिल गया.
मुकेश सहनी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ काम करने वाले सिंह की सोच बिहार को विकसित देखने की रही है, यही सोच के साथ आज वे वीआईपी से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि वीआईपी अपने एजेंडे पर ईमानदारी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा उस एजेंडे की कीमत पर मैं समझौता नहीं कर सकता हूं. उन्होंने लोगों से बिहार को विकसित बनाने के लिए संघर्ष करने की अपील की.
वीआईपी की सदस्यता ग्रहण के बाद विज्ञान स्वरूप सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्री राम को भी निषाद राज को मदद लेनी पड़ी थी. श्री राम की भी पहचान किसी जाति से नहीं होती है और निषाद राज की भी पहचान किसी जाति की मोहताज नहीं है. उन्होंने कहा कि वीआईपी अब आगे बढ़ चुकी है.
विज्ञान स्वरूप सिंह ने कहा कि यह पार्टी जात की जमात नहीं बल्कि ‘ जमात ‘ की जमात है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी इतिहास बनाना जानती है. उन्होंने कहा कि वीआईपी अब किसी की मोहताज नहीं है. यह पार्टी अब अपना रास्ता खुद बनाएगी और मंजिल तक पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि इस फौलादी जमात की बदौलत आने वाले समय में मुकेश सहनी के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ेगा और फिर से अपने गौरवशाली इतिहास को पाएगा.
इधर, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि वीआईपी सभी धर्म और जाति की पार्टी है. इसका उद्देश्य गरीबों का उत्थान और विकास है. उन्होंने कहा विश्वास जताते हुए कहा कि विज्ञान स्वरूप सिंह के पार्टी में आने से पार्टी और तेजी से आगे बढ़ेगी.