बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने कहा की वर्तमान की राजनीतिक हालात में मेरे पास बहुमत नहीं हा इसी कारण से मैं अपना पद त्याग रहा हूं. लेकिन इससे पहले विजय सिन्हा अपने कार्यकाल के दौरान सदन में पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों के कारण कई बार चर्चा में रहें. विजय सिन्हा मंत्रियों पर तल्ख टिप्पणी करने के लिए भी जाने जाते हैं. अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने 6 बार असाधारण परिस्थितियों का सामना किया तो वहीं इनके खाते में दो बड़े आयोजनों की सफलता भी है.
15 मार्च 2021 के दिन उस वक्त के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद विजय कुमार सिन्हा पर बिफर पड़े थे. तारकिशोर प्रसाद ने विजय सिन्हा पर विपक्ष के मंत्रियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी कहा था की मंत्रियों के अपमान को यहां बर्दास्त नहीं किया जाएगा.
2021 में ही 17 मार्च को विजय सिन्हा एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए थे जब भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने विजय सिन्हा को ज्यादा व्याकुल होने को नहीं कहा था. दरअसल विधानसभा के एक सदस्य द्वारा पूछे गए सवालों का ऑनलाइन जवाब नहीं मिलने पर सम्राट चौधरी ने विजय सिन्हा से यह बात कही थी.
सदन में 23 मार्च 2021 को पेश किए गए सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विपक्षी दलों ने विजय सिन्हा को अध्यक्ष के कक्ष में ही बंदी बना लिया था. इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बुलाई गई थी जिन्होंने ने विपक्ष के विधायकों की पिटाई भी की थी. बाद में इस मामले को आचार समिति को सौंपी गई थी.
21 अक्टूबर 2021 को विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के लिए उस वक्त के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने बिहार विधानसभा पहुंच कर स्मृति स्तंभ का उद्घाटन किया था. यह एक बड़ी उपलब्धि भी विजय सिंह के खाते में जुड़ी थी.
14 मार्च 2022 को विधानसभा में उस असहज स्थिति पैदा हो गई जब विजय सिन्हा के कार्यकलापों पर सीएम नीतीश कुमार ने नाराजगी जताते हुए कहा था की सदन में बार बार लखीसराय का मामला क्यों उठाया जा रहा है. यह मामला कोर्ट में चल रहा है तो सदन में नहीं चलेगा. नीतीश कुमार द्वारा जताई गई इस नाराजगी के बाद विजय सिन्हा सुर्खियों में आ गए थे.
विजय सिन्हा 28 जून 2022 को उस वक्त चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने बिना सरकार के सहमति के उत्कृष्ट विधायकों के स्वरूप तय करने के लिए विमर्श शुरू कर दिया था. उस वक्त सदन में भाजपा के कुछ ही सदस्य मौजूद रहे थे. उपस्थिति कम होने की वजह से उस वक्त कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी.
12 जुलाई 2022 को बिहार विधानसभा के शताब्दी स्मृति स्तंभ का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे. यह पहला मौका था जब देश के प्रधानमंत्री बिहार विधानसभा आए थे. इस मौके पर एक बड़ा आयोजन किया गया था और यह उपलब्धि भी विजय सिन्हा के खाते में आई थी.
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विजय सिन्हा ने 23 अगस्त 2022 को विधानसभा पद से इस्तीफा नहीं देने की बात कह कर एक बार फिर से नई बहस को जन्म दे दिया था. हालांकि उन्होंने आज 24 अगस्त को विधानसभा पद से इस्तीफा दे दिया है.