पटना. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से सिफारिश की है. इससे पहले मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाने के लिए भाजपा ने लिखित रूप में मुख्यमंत्री को अनुशंसा भेजी थी. भाजपा का कहना था कि मुकेश सहनी अब एडीए का हिस्सा नहीं रहे. पिछले दिनों मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गये थे. इसके बाद वे अपनी पार्टी के इकलौते विधायक रह गये थे. उन्होंने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निर्णय मानेंगे.
इस संबंध में भाजपा के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि रविवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल से प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मत्स्यजीवी सोसाइटी के मंत्रियों व निषाद समाज के लोगों ने मुलाकात की थी. उन लोगों ने प्रदेश अध्यक्ष को जानकारी दी थी कि मत्स्यजीवी सोसाइटी के मंत्री पदों को समाप्त कर मंत्री मुकेश सहनी ने इसकी जिम्मेदारी सरकारी पदाधिकारी को दे दी है. इस पर डॉ संजय जायसवाल ने मंत्री मुकेश सहनी से कहा था कि वे इस आदेश को निरस्त करें, वर्ना कार्रवाई को तैयार रहें. इसके बाद मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाने के लिए भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अनुशंसा भेजी गयी थी. इस पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को सिफारिश भेज दी.
बीते दस मार्च को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के साथ ही वीआईपी चीफ मुकेश सहनी के खिलाफ राजग में माहौल बनना शुरू हो गया था. भाजपा ने मुकेश सहनी की बर्खास्तगी की मांग की थी. भाजपा ने कहा कि विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष को अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. उनको फौरन राजग छोड़ देना चाहिए.
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भाजपा के इस बयान के बात बीते 24 मार्च को मुकेश सहनी ने कहा था कि वह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहें तो उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं. मंत्रिमंडल में रखना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मुझे उनके द्वारा शामिल किया गया था और यह उनके द्वारा तय किया जाना चाहिए कि मुझे रहना चाहिए या छोड़ दिया जाना चाहिए. जब तक वह चाहेंगे, मैं लोगों के लिए काम करता रहूंगा.