बिहार में वायरल फीवर बच्चों में कहर बरपा रही है. मुजफ्फरपुर जिले के नवजात शिशु और बच्चों पर वायरल बुखार भारी पड़ रहा है. बच्चों को वायरल बुखार के शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है. एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में एक दिन में 45 बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित होकर भर्ती हुए हैं. आलम यह है कि सौ बेड के पीकू वार्ड में 145 बच्चों का इलाज किया जा रहा हैं.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी की माने तो बेड कम रहने के चलते एक बेड पर दो बच्चों का रख इलाज किया जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि जिले में बढ़ रहे वायरल बुखार से हो रहे पीड़ित बच्चों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई हैं.
इधर अस्पताल के ओपीडी में वायरल बुखार के साथ खांसी-जुकाम, उल्टी-दस्त के शिकार शिशु व बच्चों की भीड़ देखी जा सकती है. इस स्थिति में अस्पताल में बच्चों के भर्ती होने की संख्या में इजाफा हुआ है. वायरल की चपेट में आने से अस्पताल में प्रतिदिन 15 से 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का संक्रमण बच्चों पर असर नहीं करता है. बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, फिर भी उनका एंटीजन किट से जांच की जा रही हैं.
350 से अधिक पहुंचे ओपीडी में- विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना काल में भी इतनी ओपीडी नहीं थी. भर्ती के लिए बच्चा वार्ड भी लगभग खाली थे. अब बच्चों को वायरल की चपेट में लेना शुरू कर दिया है. इसलिए ओपीडी अब 350 से 400 तक पहुंच गई है.
-धूप में निकालने से
-पानी कम पिलाने से
-बच्चे के सिर को नहीं ढकने से
– पसीने में नहलाने से
इन लक्षण से पीड़ित बच्चे आ रहे
– तेज बुखार
– जुखाम संग बुखार
– नाक का बहना
– दस्त
– बुखार आए तो पैरासिटामॉल के अलावा कोई दवा न दें
– लिक्विड डाइट लेते रहें
– मां का दूध पिलाते रहें
– पानी की कमी न होने दें
– बुखार दो से तीन दिन में न उतरे तो डॉक्टर से परामर्श लें
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