पटना. कोरोना और डेंगू के मरीज के बीच वायरल फीवर का अटैक तेजी से होने लगा है. हर तीसरे-चौथे घर में लोग बीमार हो रहे हैं. वायरस इतना स्ट्रांग है कि दवाइयां भी ठीक करने में टाइम ले रही हैं और मरीजों को ठीक होने में 10 से 15 दिन का समय लग रहा है. शहर के आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, गार्डिनर रोड, गर्दनीबाग व राजवंशी नगर स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.
सोमवार को शहर के आइजीआइएमएस में नाक, कान व गले के ही करीब 675 और जनरल मेडिसिन के 892 मरीज पहुंचे हैं. आम दिनों में वायरल फीवर के मरीज करीब 800 से ज्यादा नहीं आते हैं लेकिन वर्तमान में आइजीआइएमएस अस्पताल में यह आंकड़ा बढ़कर 1550 से ज्यादा पहुंच रहा है. वहीं दूसरी ओर संबंधित अस्पतालों के विशेषज्ञों का कहना है की पीएमसीएच में बीते पांच दिन से हड़ताल की वजह से मरीज का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा था. इसलिए वहां के मरीजों की संख्या भी संबंधित अस्पतालों में पहुंच रहे हैं.
वायरल फीवर संक्रमण की तरह फैल रहा है. इसमें परिवार के एक सदस्य के बीमार होने पर अन्य लोग भी बीमार हो रहे हैं. इसका असर शहर के गार्डिनर रोड अस्पताल में भी देखने को मिल रहा है. सोमवार को यहां 926 मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे. बीते दिनों की तुलना में 300 अधिक मरीज पहुंचे थे. अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि वायरल व डेंगू की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. इससे पहले यहां रोजाना करीब 600 के आसपास मरीज इलाज कराने पहुंचते थे. लेकिन इस संख्या में 300 का इजाफा दर्ज किया गया है.
शहर के राजवंशी नगर स्थित हड्डी अस्पताल में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. आम दिनों में यहां करीब 500 के आसपास रोजाना मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंचते हैं. सोमवार को 724 मरीजों का इलाज किया गया. अस्पताल के निदेशक डॉ सुभाष चंद्रा ने कहा कि आर्थोपेडिक्स के अलावा वायरल बीमारी से जुड़े मरीज भी अधिक आ रहे हैं. कोरोना व डेंगू के बीच सर्दी-खांसी के बढ़ते मरीजों के बीच में वायरल फीवर भी संक्रमण की तरह फैलता जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों ने मास्क का उपयोग बंद कर दिया है और सैनिटाइजर का उपयोग भी नहीं कर रहे हैं. इससे भी संक्रमण फैल रहा है.
गर्दनीबाग अस्पताल में 650 से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे. अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ मंजूला रानी ने कहा कि वायरल व डेंगू के बढ़ते मामले की वजह से यहां मरीजों की संख्या बीते कुछ दिनों से अधिक हो रही है. खासकर महिलाएं अधिक आ रही हैं. इसके अलावा 5 साल या इससे कम उम्र के बच्चें भी इलाज कराने पहुंच रहे हैं. कुल मरीजों में 20 से 25 मरीज वायरल फीवर के पाएं जा रहे हैं. तापमान में कभी कम तो कभी ज्यादा तापमान होने से शरीर का तापमान एडजस्ट नहीं हो पा रहा है और लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है.
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गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा कहते हैं कि प्रतिरोधक क्षमता कम होने से लोग बीमार तो हो ही रहे हैं, उनके ठीक होने में भी 10 से 15 दिन का समय लग रहा है. पहली बार यह पाया गया है कि बुखार में तो मरीजों को दवाइयों के बाद आराम मिल रहा है लेकिन सर्दी-खांसी लंबे समय तक चल रही है. उन्होंने कहा कि यदि घर में एक सदस्य बीमार होता है और वह मास्क का उपयोग करता है तो काफी हद तक दूसरे सदस्यों को बीमारी से बचाया जा सकता है. फ्लू की जांच कम होने से भी मरीजों में बीमारी का समय पर पता नहीं चल पा रहा है.